Personality Disorder: हमारा मस्तिष्क कई उतार-चढ़ावों से गुजरता है। ऑफिस हो या घर हमारा व्यवहार ही हमारे व्यक्तित्व को निखारता है। ऐसे में अगर आपको बार-बार गुस्सा आ जाता है और दूसरों की बातें कड़वी लगती हैं। तो आपकी यह आदत आपकी पर्सनालिटी पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। मेडिकल साइंस में इसे पर्सनालिटी डिसऑर्डर बीमारी का नाम दिया गया है। पर्सनालिटी डिसऑर्डर एक मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्या है। आमतौर पर लोग पर्सनालिटी डिसऑर्डर की समस्या को नजर अंदाज कर जाते हैं। मगर सही समय पर अगर इस पर कंट्रोल न किया जाए तो यह गंभीर मासिक बीमारी भी बन सकती है। आईए जानते हैं कि आपको कैसे पता करें कि आप पर्सनालिटी डिसऑर्डर से ग्रस्त हैं…
क्या है पर्सनालिटी डिसऑर्डर ?
ऑफिस घर मार्केट या किसी भी पब्लिक प्लेस अपने कई बार देखा होगा कुछ लोग मूडी व्यवहार करते हैं। यह व्यवहार सामान्य की तुलना में बिल्कुल अलग होता है। जैसे व्यक्ति के मूड का पल में बदल जाना, उसे अचानक बिना वजह गुस्सा आना, चीजों ब संबंधों को लेकर इनसिक्योर हो जाना, यह सभी पर्सनालिटी डिसऑर्डर के सिंपटम्स हैं। यह एक मेंटल हेल्थ इश्यू है, जिसका मानसिक सेहत पर असर पड़ता है। पर्सनालिटी डिसऑर्डर आपके मस्तिष्क की क्रिया को तीव्र गति से बढ़ा देता है, जो हार्मोंस को प्रभावित करता है।
उम्र के साथ घातक होती है पीडी
पर्सनालिटी डिसऑर्डर ( Personality Desorder) के शुरुआती स्टेज में लोग अक्सर इसकी पहचान नहीं कर पाते हैं, लेकिन धीरे धीरे ये स्थिति बढ़ने पर गंभीर मानसिक बीमारी का रूप ले सकती है। कभी-कभी लोगों में उम्र बढ़ने के साथ ये समस्या देखी जाती है। इस रोग से ग्रसित होने पर सोचने-समझने और चीजों पर रिएक्ट करने के तरीके पर काफी असर पड़ता है।
पर्सनालिटी डिसऑर्डर (पीडी) के लक्षण
- इस रोग से ग्रसित लोगों में अक्सर इनसिक्योरिटी देखी जाती है।
- ऐसा व्यक्ति बार बार मूड स्विंग करता है और थोड़ी थोड़ी देर में बदल जाता है।
- व्यक्ति के हार्मोंस में बदलाव आने लगता है। एक पल खुशी महसूस होती है तो दूसरे पल उदास हो जाता है।
- पीडी से ग्रसित व्यक्ति को हर छोटी और बड़ी पर गुस्सा आता है।
- ऐसी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति किसी से बहुत ज्यादा प्यार कर सकता है तो किसी से हद से ज्यादा नफरत भी कर सकता है।
- ऐसे व्यक्तियों को दूसरों की सलाह पसंद नहीं आती। दूसरों की बातों से हमेशा चिढ़न महसूस होती है।
- पर्सनालिटी डिसऑर्डर में व्यक्ति की भूख-प्यास भी खत्म होने लगती है।
- ऐसे व्यक्ति के स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाता है।
- कई लोग ऐसे में कभी जल्दी रिश्तों को तोड़ देते हैं तो कभी बहुत जल्दी कोई नया रिश्ता बना लेतेहैं।
- इस बीमारी में अपनी इच्छा पूरी नहीं होने पर आत्महत्या करने का भी ख्याल आ जाता है।
- पर्सनालिटी डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति किसी की हत्या भी कर सकता है।
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पर्सनालिटी डिसऑर्डर का कारण
- अनहेल्दी फूड से होने हार्मोनल इंबैलेंस भी इसकी एक वजह हो सकती है।
- फैमिली हिस्ट्री के कारण भी पर्सनालिटी डिसऑर्डर रोग एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ट्रांसफर हो सकता है।
- किसी गहरे लगाव वाली चीज या इंसान का दूर चले जाना भी इस बीमारी का कारण हो सकता है।
- किसी बड़े हादसे जैसे किसी अपने के अचानक जिंदगी से चले जाने या सीरियस फैमिली प्रॉब्लम के कारण भी ये रोग व्यक्ति को पकड़ सकता है।
- लंबे समय से चल रही अधिक बीमारियों की वजह से यह हो सकता है।
पीडी से बचने के उपाय
- पीड़ित व्यक्ति ज्यादा वक्त अकेले नहीं बिताना चाहिए।
- व्यक्ति को दोस्तों, परिवार या किसी अपने से अपनी फीलिंग्स शेयर करनी चाहिए।
- खाली समय में अपनी पसंदीदा चीजों के साथ समय बिताए।
- दिमाग को आराम देने के लिए अपनी हॉबी को फॉलो करें।
- अपने अच्छे समय को याद कीजिए। ध्यान रखिए वे पल दोबारा आ सकते हैं, बस आपको अपने दिमाग पर काबू पाना है।
- मनोरोग विशेषज्ञ से सलाह लेने में बिल्कुल मत झिझकिए। जैसे शरीर बीमार पड़ सकता है वैसे ही दिमाग भी, ये सब काफी नेचुरल है।
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