आइए जानते हैं क्यों जानलेवा हो सकते हैं खर्राटे
- स्लीप एपनिया एक प्रकार का नींद विकार है जिसमें रोगी को पता चले बिना ही सांस रुक जाती है और फिर शुरू हो जाती है। यदि यह गले में रुकावट के कारण होता है तो इसे ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया कहा जाता है और यदि यह मस्तिष्क से संकेतों की कमी के कारण होता है तो इसे सेंट्रल स्लीप एपनिया कहा जाता है।
- खर्राटे के लिए स्लीप एनीमिया की समस्या को सबसे बड़ा कारण माना जाता है। स्लीप एनीमिया से पीड़ित मरीज को सोते समय बार-बार सांस रुकने जैसा और फिर चालू हो जाने जैसा महसूस होता है। अक्सर मरीज उठकर हांफने लगता है।
- उम्र बढ़ना
- उम्र के साथ हॉर्मोन में बदलाव
- एंडोक्राइन डिसऑर्डर
- फैमिली हिस्ट्री
- हार्ट या किडनी फेलियर
- खराब लाइफस्टाइल
- मोटापा
महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान या रजोनिवृत्ति के समय और उसके बाद कुछ समय तक नींद की कमी से भी बचना चाहिए। हार्मोनल बदलाव के साथ इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
अभी तक ऐसा कोई इलाज नहीं पता चल पाया है जो इस बीमारी को पूरी तरह से ठीक कर सके। हालाँकि, शारीरिक गतिविधि को नियंत्रित करके खर्राटों को रोका जा सकता है। निर्बाध नींद पाने के लिए श्वास उपकरण, मौखिक उपकरण, मुंह या चेहरे की चिकित्सा का उपयोग किया जा सकता है, या जीवनशैली में बदलाव भी फायदेमंद हो सकता है।
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