आंकड़ों के मुताबिक, पूरी दुनिया में 46.2 करोड़ से अधिक लोग टाइप 2 डायबिटीज से प्रभावित हैं। इसका खतरा बढ़ता जा रहा है।
टाइप-1 और टाइप-2 दोनों के लक्षण एक जैसे होते हैं। मधुमेह के मामले में, बार-बार पेशाब आना, धुंधली दृष्टि, कटे या घावों का धीरे-धीरे ठीक होना और सामान्य से अधिक संक्रमण पाए जाते हैं।
टाइप-1 डायबिटीज एक ऑटोइम्यून बीमारी है जो शरीर में अचानक आती है। अगर माता-पिता में से किसी को मधुमेह है तो खतरा बढ़ सकता है। टाइप-2 मधुमेह समय के साथ विकसित होता है। जीवनशैली और खान-पान में गड़बड़ी के साथ-साथ मोटापा और व्यायाम की कमी इसका मुख्य कारण माना जाता है। मधुमेह का खतरा किसी भी उम्र में हो सकता है।
टाइप-1 डायबिटीज को टाइप-2 डायबिटीज से कम खतरनाक माना जाता है। टाइप-1 मधुमेह का खतरा पूरी तरह से आनुवंशिक है। यह बीमारी बच्चों और किशोरों में फैल सकती है। वहीं, टाइप-2 डायबिटीज का खतरा खराब जीवनशैली और खान-पान के कारण होता है। इसके अलावा अधिक वजन या मोटापा, कम शारीरिक गतिविधि और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के अधिक सेवन से भी यह बढ़ सकता है।
कौन सा डायबिटीज ज्यादा खतरनाक
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