Winter Alert: जनवरी माह की शुरुआत के साथ ही ठंड ने भी अपना रंग दिखा गया। कड़ाके की ठंड से बचाव के लिए घरों में अंगीठी ने कब्जा जमा लिया। अब यही धधकती अंगीठी ठंड में काल बन गई है। अंगीठी ने अब तक कई लोगों को अपना ग्रास बना लिया है। आईए जानते हैं कि सर्दियों में अंगीठी जलाने से क्या नुकसान होता है….
क्यों बन रही अंगीठी मौत की वजह
अंगीठी के धुएं से कार्बन मोनोऑक्साइड निकलता है। रात में कमरा बंद रहने के कारण हवा बाहर नहीं जा पाती है। ऐसे में सांस लेना मुश्किल हो जाता है। हवा नहीं निकलने से कमरे में कार्बन मोनोऑक्साइड का लेवल खतरनाक स्थिति तक बढ़ जाता है। जब हवा में कार्बन मोनो ऑक्साइड बढ़ जाता है तो यह शरीर में रेड ब्लड सेल्स में मिल जाता है। यह RBC में ऑक्सीजन की जगह ले जाता है। इससे ब्रेन डैमेज के साथ ही मौत भी हो जाती है।
यहां हुई सबसे ज्यादा मौतें
सर्दियों में खबर सामने आई है कि कई जगहों पर अंगीठी के धुएं से दम घुटने की वजह से लोगों के मौत की मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक पहली घटना दिल्ली के खेड़ा कला गांव की है। बताया जा रहा है कि जानमार ठंड से बचने के लिए यहां एक परिवार ने रात को अंगीठी जलाई थी। रात में कमरे में अंगीठी का धुआं भर गया। वेंटिलेशन नहीं होने के कारण परिवार के चार लोगों का दम घुट गया। मरने वाले चार लोगों में पति-पत्नी और दो बच्चे शामिल हैं।
इंद्रपुरी में अंगीठी ने ली जान
वहीं, दूसरी घटना दिल्ली के इंद्रपुरी में उषा इंस्टीट्यूट के पास हुई। यहां भी अंगीठी के धुएं से दम घुटने की वजह से दो लोगों की मौत हो गई। मरने वालों की पहचान 22 वर्षीय अभिषेक और 54 वर्षीय सोम बहादुर के रूप में हुई है। ये दोनों लोग भी रात को कमरे में अंगीठी जलाकर सोए हुए थे। शुरुआती जांच में सामने आया था कि दोनों ने सर्दी से बचने के लिए अंगीठी जलाई थी।
तीन दिन पहले द्वारका में हुई थी मौत
इससे पहले दिल्ली के द्वारका इलाके दम घुटने से पति-पत्नी की मौत हो गई थी। द्वारका सेक्टर 23 के पोचनपुर गांव में अंगीठी के धुएं से दम घुटने से मौत का पता बच्ची के चिल्लाने से लगा। मरने वालों की पहचान नेहा और मानव के रूप में हुई। दम घुटने के कारण बच्ची ने चिल्लाना शुरू कर दिया। इसके बाद पड़ोसियों ने खिड़की तोड़ी। इसके बाद तीनो के अस्पताल ले जाया गया। यहां दोनों पति-पत्नी को मृत घोषित कर दिया गया था।
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