
World Toilet Day: हर साल 19 नवंबर को विश्वभर में वर्ल्ड टॉयलेट डे मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य ऐसे लोगों के बारे में जागरूकता बढ़ाना जिनके पास आज के ज़माने में भी स्वच्छत शौचालय नहीं है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2013 में विश्व शौचालय दिवस को एक आधिकारिक संयुक्त राष्ट्र दिवस घोषित किया था।
वर्ल्ड टॉयलेट डे का इतिहास
वर्ल्ड टॉयलेट डे की स्थापना सिंगापुर के जैक सिम के द्वारा 19 नवंबर 2001 में हुई थी। जैक ने 2001 में वर्ल्ड टॉयलेट ऑर्गनाइजेशन की स्थापना की थी। लेकिन, 2013 में संयुक्त राष्ट्र संगठन द्वारा अधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र विश्व शौचालय दिवस की घोषणा की गई थी।
वर्ल्ड टॉयलेट डे क्यों मनाया जाता है:
वर्ल्ड टॉयलेट डे को मनाने के पीछ का मुख्य उद्देश्य लोगों को खुले में शौच करने से रोकना और शौचालय से जुड़े मानव अधिकार को हर व्यक्ति तक पहुंचाना है।
- दुनियाभर में स्वच्छता, स्वास्थ्य और सुरक्षा नीति का मजबूत करना।
- खुले में शौच करने वाली महिलाओं के साथ होने वाले यौन शोषण को रोकना।
- लोगों को खुले में शौच के द्वारा होने वाले संक्रमण और अस्वच्छता को रोकना है।
भारत में स्वच्छता अभ्यान
भारत में साल 2014 को स्वच्छ भारत मिशन शुरू किया गया। 2 अक्टूबर को यानी गांधी जी की जयंती के दिन प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन को दो भागों में बांटा गया था।
पहला स्वच्छ भारत ग्रामीण: इसके द्वारा गांवों में सारे घरों में शौचालय बनाने और खुले में शौच न करने का लक्ष्य रखा गया था।
दूसरा स्वच्छ भारत शहरी: इस मिशन का मक़सद यह सुनिश्चित करना है की घरों के अलावा सार्वजनिक स्थानों पर भी शौचालय हों। साथ ही कूड़ा-कचरा प्रबंधन पर भी है।
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