Brahma Kumaris: आत्मशक्ति व अध्यात्म के महत्व को समझ लिया जाए तो जीवन हो जाए आसान। इसके लिए चाहिए प्रसन्नता और हिम्मत की उड़ान। यह उद्वगार ब्रह्माकुमारीज राजयोग केन्द्र स्वास्थ्य विहार के रजत जयंती के अवसर पर वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका, ओम शांति रिट्रीट सेंटर की निर्देशिका राजयोगिनी आशा दीदी ने दिए। दरअसल पूर्वी दिल्ली स्थित स्वास्थ्य विहार ब्रह्माकुमारी राजयोग केंद्र की स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में भारती पब्लिक स्कूल में कार्यक्रम ‘उड़ान’ आयोजित किया गया। इस अवसर पर “उड़ान” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में शहर के कई गण्यमान्य अतिथि शामिल हुए।
खुशी के पंख
राजयोगिनी आशा दीदी ने इस अवसर पर सदा खुशी के पंखों की आवश्यकता को जीवन के उड़ान में आवश्यक बताया। उनके अनुसार, यदि लक्ष्य को जीवन में निर्धारित कर लिया जाए, श्रेष्ठ सोच के लिए आध्यात्मिकता जीवन में हो, क्षमाभाव हो, ऊर्जावान बने रहने के लिए राजयोग का निरंतर अभ्यास करें तो जीवन हल्का, अनुशासित, अनुकरणीय एवं उज्जवल होना निश्चित है। छोटे बच्चे का भोलापन तथा पवित्रता, उसकी निर्मल, निश्चल, नि:स्वार्थ वृत्ति उसे हल्का रखती है।
महामंत्र है ओम शांति
इस अवसर पर गांधीनगर क्षेत्र के विधायक अनिल बाजपेई ने ओम शांति मंत्र की शक्ति को व्यक्तिगत, पारिवारिक या सामाजिक जीवन का आधार बताया। वर्तमान जीवन शैली में परिवर्तन आध्यात्मिक ज्ञान के बिना असंभव है। आध्यात्मिकता ही समाज में एकता, स्नेह, सहानुभूति, सहयोग जैसी भावनाओं को विकसित कर सकता है। इस मौके पर स्थानीय पार्षद रमेश गर्ग, पूर्व पार्षद गुरु चरण सिंह, टाइम्स नाउ के सम्पादक दिनेश गौतम, राजयोगी जगरुप भाई, ब्रह्माकुमारी पूनम ने अपनी शुभकामनाएं दी।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की छटा
इस कार्यक्रम को और सुंदर बनाने में सांस्कृतिक कार्यक्रम ने विशेष योगदान किया। इसमें लगभग 1500 से अधिक भाई-बहनों की उपस्थिति ने जान डाल ली। कार्यक्रम का प्रारंभ सेवा केंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी उर्मिला दीदी के स्वागत शब्दों से, हरप्रीत के स्वागत नृत्य तथा प्रसिद्ध गायक चांद बजाज के सांस्कृतिक कार्यक्रम से हुआ। गरिमा, नेहा, कृतिका, श्रेया द्वारा नृत्य तथा उर्भव का गीत मनमोहक रहा।
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