Brahma Kumaris Shiv Jayanti Celebration: शिव जयंत‍ि पर शिव की दिव्‍य शिक्षाओं का हुआ स्‍मरण, धूमधाम से मना यह महाउत्‍सव

Brahma Kumaris Shiv Jayanti Celebration: प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा 89th शिवजयंती त्रिमूर्ति शिव जयंती वा महाशिवरात्रि बड़ी धूम धाम से मनाई गई। दिल्ली और इसके आसपास स्थित ब्रह्मा कुमारी राजयोग शिक्षा केंद्रों पर परमात्‍मा शिव की शिक्षाओं को याद किया गया।

Brahma Kumaris Shiv Jayanti Celebration: परमात्मा शिव के दिव्य अवतरण दिवस शिवरात्र‍ि का उत्‍सव देश भर मनाया गया। इस अवसर पर दिल्‍ली व आसपास के ब्रहृमकुमारीज केद्रों में भी शिव की शिक्षाओं को याद किया गया। इस उपलक्ष्य पर जगह जगह पर झांकियों सहित अनेक प्रभातफेरी, कलश यात्रा व भव्य शोभा यात्राएं निकाली गई। शिव परमात्मा की दिव्य स्मृति में झंडारोहण हुआ एवं नृत्य संगीत भी प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर, लोगों को बुरी आदतें वा व्यसनों से मुक्त होने की प्रतिज्ञा भी कराई गई।

ज्ञान सूर्य से म‍िटे अज्ञान का अंधकार

शिवरात्र‍ि के अवसर पर परमात्‍मा शिव के सिखाए मार्ग का अनुसरण करने का आहृवान किया गया। परमपि‍ता शिव की जयंत‍ि‍ पर महाशिवरात्र‍ि की सार्थकता पर चर्चा हुई। प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की स्थानीय हरि नगर सेवा केंद्र द्वारा आयोजित शिव झंडारोहण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद उपस्थित हुए। उन्होंने झंडा आरोहण के बाद उन्‍होंने अपनी बात रखी। उन्‍होंने कहा क‍ि परमात्मा शिव निराकार है, अनादि व अनंत है। ज्ञान सूर्य के रूप में वे हमें अज्ञात अंधकार से ज्ञान रोशनी में ले जाने के लिए तथा हमारे अंदर की तमस को समाप्त कर जीवन को सतो गुण वा सद्गुणों से भरपूर करने इस धरा पर अवतरित होते हैं, जिसको हम शिव अवतरण दिवस के रूप में भी मनाते हैं।

राजयोग का लगाएं ध्‍यान

ब्रह्मा कुमारी संस्था की दिल्ली, हरियाणा व यूपी राज्यों में स्थित 130 राजयोग ध्यान शिक्षा केंद्रों के प्रभारी राजयोगिनी बी के शुक्ला ने कहा कि महाशिवरात्रि हमे अपने को ज्योति बिंदु स्वरूप आत्मा समझने की, तथा परम ज्योतिबिंदू निराकार परमात्मा से राजयोग ध्यान लगाकर सद्बुद्धि, देवी गुण वा दैवी शक्तियों को प्राप्त करने की रूहानी ज्ञान व प्रेरणा देती है, जिससे हमारे जीवन और संसार सुखमय, समृद्ध और खुशहाल हो जाए।

इस शुभ अवसर पर आयुष मंत्रालय के डायरेक्टर जनरल डॉक्टर आचार्य; भारतीय नौ सेना के पूर्व वाइस चीफ वाईस एडमिरल, सतीश नामदेव गॉडमोडे; सेन्ट्रल संस्कृत यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर प्रोफेसर श्री निवास आदि उपस्थित थे।

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