Indian Female Athletes : भारतीय खेल जगत में महिलाओं ने अपने यूनिक परफॉरमेंस और इन्स्पिरिंग एफर्ट से एक नई क्रांति लाने का काम किया है। पहले जहां खेलों में महिलाओं की पार्टिसिपेशन लिमिटेड था, वहीं अब वे कई खेलों में अपने शानदार प्रदर्शन के लिए पहचानी जाती हैं। यह बदलाव भारतीय खेलों के इतिहास को नए रंगों से रंगने का काम कर रहा है।
1. बैडमिंटन:
साइना नेहवाल और पीवी सिंधू जैसी खिलाड़ियों ने बैडमिंटन को भारत में एक नई पहचान दिलाई है। साइना नेहवाल ने 2012 लंदन ओलंपिक में ब्रॉन्ज़ मेडल जीतकर भारतीय बैडमिंटन को एक नया मुकाम प्रदान किया। इसके बाद, पीवी सिंधू ने 2016 रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल और 2021 टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज़ मेडल जीते, जिसने भारतीय बैडमिंटन को वर्ल्ड लेवल पर मान्यता दिलाई। इन खिलाड़ियों की मेहनत और समर्पण ने देश में बैडमिंटन को एक लोकप्रिय खेल बना दिया है।
2. क्रिकेट:
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने भी क्रिकेट की दुनिया में अपनी पहचान बनाई है। मिताली राज और झूलन गोस्वामी जैसी खिलाड़ियों ने महिला क्रिकेट को ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। मिताली राज ने लंबे समय तक भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तानी की और उनकी कप्तानी में टीम ने कई बड़ी जीत दर्ज की। झूलन गोस्वामी ने अपनी गेंदबाजी से क्रिकेट फैन्स को मंत्रमुग्ध किया है।
3. कुश्ती:
साक्षी मलिक और गीता, बबिता फोगट जैसे कुश्ती के सितारों ने भी भारतीय खेल जगत में क्रांति लाई थी। साक्षी मलिक ने 2016 के रियो ओलंपिक में ब्रॉन्ज़ मेडल जीतकर देश को गर्वित किया। गिता फोगाट ने 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स में कुश्ती के 55 किलोग्राम केटेगरी में गोल्ड मैडल जीता था। बबीता फोगाट, भारतीय महिला पहलवान, ने 2014 में ग्लासगो में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था। अपनी परिवार की धरोहर को आगे बढ़ाते हुए विनेश फोगट ने भी आगे इंडिया को रिप्रेजेंट किया और कई जीत हासिल की| 2024 हो रहे ओलंपिक्स में भी उन्होंने बेहद खोब्ब्सुरत प्रदर्शन दिखाया और फाइनल्स तक पहुंची लेकिन फाइनल में ओवरवेट होने की वजह से उन्हें डिसक्वालीफाई कर दिया गया|
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4. हॉकी:
भारतीय महिला हॉकी टीम ने भी खेल के फील्ड में अपनी जगह बनाई है। रानी रामपाल की कप्तानी में टीम ने कई ज़रूरी टूर्नामेंट्स में लाजवाब प्रदर्शन किया है। रानी रामपाल और उनकी टीम की मेहनत ने भारतीय महिला हॉकी को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया है।
5. एथलेटिक्स:
पीटी उषा जैसी एथलीट्स ने एथलेटिक्स में भारतीय महिलाओं का नाम रोशन किया है। पीटी उषा ने अपनी शानदार दौड़ने की एबिलिटी से 1980 के एशियाई खेलों में कई गोल्ड मैडल जीते। उनके अचीवमेन्ट्स ने भारतीय एथलेटिक्स को वर्ल्ड लेवल पर मान्यता दिलाई और नई पीढ़ी को प्रेरित किया।
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