Vinesh Phogat in Paris Olympics 2024: जैसे ही वह तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया पर उतरने लगीं, उत्साह और खुशी से सबकी आंखें नम थीं। लोग उस तस्वीर व वीडियो को बार बार निहार रहे थे जिसमें विनेश किसी अविजीत योद्धा की तरह मुकाबला कर रही थी। अपने बेजोड़ अंदाज से प्रतिद्वंदी को मात दे रही थीं। यह सब द़ृश्य मामूली नहीं था। लोग उनके बीते दिनों के संघर्ष की बात करते नहीं थक रहे।
एक ही दिन तीन बड़े युद्ध को जीत लेने का यह जुनून पहले कभी महसूस नहीं हुआ हो जैसे। पर विनेश फोगाट को देखें तो उनका शांत चेहरा बता रहा था कि आने वाला युद्ध वे जरूर तूफान बनकर जीतेंगी। एक बड़ी लहर जो समंदर में उठती है और सामने जो है उसी अपने में समा लेती है। समंदर का वह तूफान लोगों ने विनेश में महसूस किया।
ओजस्वी ऊर्जा से भरी बीते दिनों के अपार संघर्ष के दर्द को मन में दबाए जैसे कह रही हो कि अब बस और नहीं। पदक जीतना ही है चाहे जो होजाए पर अनुशासन और खेल के नियमों पर चलते हुए। जिंदगी के नियम भी यहीं हैं। चाहे जो हो आपके साथ आपको हर बार स्वयं को साबित करना होता है। विनेश आज हरियाणा यानी अपने राज्य की शान हैं तो देश की मान बढ़ाकर दुनिया को चौंका रही हैं।
विनेश ने वादा किया था अपनी मां से भी जो स्वयं काफी संघर्ष के बाद विनेश जैसी बेटी को तैयार किया। कम उम्र में विधवा हो गयीं पर पति को खोकर भी नहीं टूटा उनका हौसला और आगे बढ़ने की जिद। बेटी को ऐसी धाकड़ बनाने के लिए समाज से भी खूब लड़ीं। परिणाम सामने है। एक किवंदती बन गयी हैं विनेश, आने वाली पीढि़यां यह नहीं भूलने वाली।
बता दें कि विनेश ने मंगलवार को महिला 50 किग्रा फ्रीस्टाइल इवेंट के सेमीफाइनल में क्यूबा की रेसलर नेइलिस गुजमैन (Yusneylys Guzman) को 5-0 से करारी मात दी है। अब वे फाइनल बुधवार (7 अगस्त) को खेल रही हैं। पूरे देश ही नहीं दुनिया भर की निगाहें इसी स्टार पर टिक गयी हैं। विनेश फोगाट ओलंपिक की महिला कुश्ती के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर बन गई हैं।
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