दिल्ली में जंतर-मंतर पर पहलवानों के समर्थन में खापों की महापंचायत के बीच भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में बृजभूषण सिंह खाप नेताओं से कह रहे हैं कि बच्चे गलती करते हैं, आप न करो। बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट का खेल खत्म हो चुका है। जिस दिन दिल्ली पुलिस की जांच पूरी होगी और मैं दोषी पाया गया तो मैं आप सबके बीच खुद आऊंगा। आप सब जूते मार-मार कर मेरी हत्या कर देना।
देखिए वीडियो में कही गई पूरी बात:-
बृजभूषण सिंह 36 मिनट 9 सेकंड का वीडियो अपनी कार में शूट किया है। अपने फेसबुक पेज पर अपलोड वीडियो में बृजभूषण ने कहा कि मैं सांसद हूं और मुझे कुश्ती अध्यक्ष के रूप में भी लोग जानते हैं। मैं अभी दिल्ली से लखनऊ घर जा रहा हूं। मैं हरियाणा के विशेषकर जाट समाज और पश्चिमी यूपी के जाट समाज के खाप पंचायतों के बुजुर्गों को राम-राम करता हूं। विशेष उन्हें जिनके बच्चे पहलवानी करते हैं। वैसे मेरा वीडियो बनाने का कोई इरादा नहीं था, लेकिन फिर लगा कि मेरी बात भी आप तक पहुंचनी चाहिए।
उन्होंने कहा, मैं बहुत तैयारी करके वीडियो नहीं बना रहा हूं। अभी गाड़ी में बैठा तो सोचा कि अपनी बात बुजुर्गों तक पहुंचाऊं। एक कविता है, बात ऐसी करो जिसका आधार हो…जिसमें सिद्धांत हो। दादा-ताऊ-चाचा, मेरे ही बच्चे मेरे ऊपर आरोप लगा रहे हैं। वे यह भी नहीं बता पा रहे कि कौन-सा दिन है, कौन-सी तारीख थी, कौन-सा समय था। मैं क्या कहूं…कैसी कहानी बनाई? क्यों बनाई? बाद में आपको पता चलेगा।
बृजभूषण सिंह ने कहा, यह लड़ाई इन बीत चुके पहलवानों से है। यह लड़ाई आपके जूनियर बच्चों के लिए लड़ रहा हूं। इनको द्रोणाचार्य, पद्मश्री, अर्जुन अवार्ड, सब मिल चुका। लेकिन जो गरीब परिवार से निकलकर ओलिंपिक जाने का सपना लेकर चल रहे हैं। जो परिवार बच्चों का भविष्य बनाने के लिए अपनी जरूरतों में कटौती करके, कर्जा लेकर बादाम-घी का इंतजाम कर रहे हैं, मैं उनसे कहना चाहता हूं कि यह लड़ाई आपके बच्चों की है।
WFI अध्यक्ष ने कहा,”कुश्ती पर जेब से लगाए 25-30 करोड़ रुपए”
बृजभूषण ने कहा कि ऐसा कोई खिलाड़ी नहीं है, जिसने मुझसे डॉलर न लिए हों। क्योंकि मैंने घोषणा की हुई थी कि अगर कोई बच्चा गोल्ड मेडल लाया तो उसे 200 डॉलर दूंगा। सिल्वर मेडल वाले को 150 और ब्रॉन्ज मेडल वाले को 100 डॉलर दूंगा। मैंने कुश्ती पर 25-30 करोड़ रुपए अपनी जेब से लगाए हैं।
उन्होंने कहा कि जब भी रेसलिंग की किसी प्रतियोगिता में कोई माता अपने बेटे-पोते-नाती को लेकर अखाड़े में आती तो मैं सभी बच्चों से कहता था कि अगर कुश्ती में आगे बढ़ना है तो हरियाणा से आई इस बुजुर्ग मां के पैर छुओ, उसके बाद तुम्हें कोई आगे बढ़ने से रोक नहीं पाएगा। मैं उस बुजुर्ग माता को अपने साथ बैठता था।
विशेष सुविधाएं न देते तो कोई मेडल न आता
WFI अध्यक्ष ने कहा कि अगर मैंने आरोप लगाने वाले खिलाड़ियों को विशेष सुविधाएं नहीं दी होती तो इनके पास मेडल नहीं होते। बजरंग पूनिया-विनेश फोगाट के पूरी ट्रायल कराकर उनके वीडियेा जारी कर देता तो सबको पता लग जाता। साक्षी भी भूल गई। एक कोच ने साक्षी को एक पॉइंट दिया जबकि उसे 4 पॉइंट बनते थे। मैंने कोच से कहकर उसे 4 पॉइंट दिलाए। अगर इन तीनों को विशेष सुविधाएं नहीं देते तो ये आज यहां नहीं होते।
(तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करेंTwitter , Kooapp और YouTube पर फॉलो करें। Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजा-तरीन खबरें।)