Women’s World Cup 2025: ICC Women’s World Cup 2025 में इस बार भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है जो अब तक किसी ने नहीं किया था। ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड जैसी दिग्गज टीमों के दबदबे को खत्म करते हुए टीम इंडिया पहली बार महिला वर्ल्ड कप की विजेता बनी। इस ऐतिहासिक जीत में ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा (Deepti Sharma) का योगदान सबसे अहम रहा। शानदार गेंदबाजी और बेहतरीन बल्लेबाजी के दम पर उन्हें “प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट” का खिताब मिला।
फाइनल में दिखा दीप्ति शर्मा का दम (Women’s World Cup 2025)
नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेले गए फाइनल मुकाबले में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर खिताब अपने नाम किया।
हालांकि फाइनल की प्लेयर ऑफ द मैच शेफाली वर्मा बनीं, लेकिन पूरे टूर्नामेंट में निरंतर शानदार प्रदर्शन के चलते दीप्ति शर्मा को सबसे बड़ा सम्मान मिला। उन्होंने पूरा टूर्नामेंट 3 अर्धशतक और 22 विकेट के साथ खत्म किया। फाइनल में तो उन्होंने कमाल कर दिया — 5 विकेट झटककर वह वर्ल्ड कप फाइनल में 4 या उससे अधिक विकेट लेने वाली पहली स्पिनर बन गईं। यह उपलब्धि भारतीय क्रिकेट इतिहास के लिए स्वर्णिम पल बन गई।
फाइनल मुकाबले की झलक
2 नवंबर को खेले गए फाइनल में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 298 रन बनाए। टीम की मजबूत शुरुआत शेफाली वर्मा (87 रन) ने की, जिन्होंने आक्रामक अंदाज में दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों की लय बिगाड़ दी।वहीं, दीप्ति शर्मा ने 58 रन की समझदारी भरी पारी खेलकर स्कोर को मजबूत किया। कप्तान हरमनप्रीत कौर और रिचा घोष ने भी तेज रन जोड़े, जिससे भारतीय टीम ने विशाल स्कोर खड़ा किया।
दक्षिण अफ्रीका की पारी और दीप्ति का जादू
लक्ष्य का पीछा करते हुए दक्षिण अफ्रीकी कप्तान लॉरा वुल्वार्ट ने शानदार शतक जड़ा और मैच को रोमांचक बना दिया। लेकिन तभी दीप्ति शर्मा ने अपनी सटीक गेंदबाजी से भारतीय टीम की वापसी कराई।
उन्होंने पहले लॉरा को आउट किया, फिर लगातार विकेट झटके। उनकी गेंदबाजी के आगे साउथ अफ्रीकी टीम 246 रन पर ऑलआउट हो गई और भारत ने 52 रन से फाइनल जीतकर इतिहास रच दिया।
दीप्ति शर्मा – असली ऑलराउंडर
फाइनल में दीप्ति का प्रदर्शन शानदार रहा। उन्होंने 58 रन बनाए, 5 विकेट लिए और एक रन आउट भी किया। उनकी गेंदबाजी की लाइन-लेंथ और कंट्रोल देखने लायक था। उन्होंने यह साबित कर दिया कि वह भारतीय टीम की रीढ़ की हड्डी हैं — जब भी जरूरत होती है, वह टीम को संभाल लेती हैं।
हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में मिली यह जीत भारतीय महिला क्रिकेट के इतिहास का सबसे गौरवशाली पल है। इस सफलता ने यह साबित कर दिया कि भारतीय महिलाएं अब सिर्फ पुरुष क्रिकेट में नहीं, बल्कि विश्व स्तर पर हर मैदान में अपना झंडा गाड़ सकती हैं।
इस जीत से लाखों युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिली है कि मेहनत और आत्मविश्वास से कोई भी सपना हकीकत में बदला जा सकता है।
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