Wrestlers vs Brij Bhushan : एमपी-एमएलए अदालत में मंगलवार की सुनवाई में भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण द्वारा छह पहलवानों के कथित यौन शोषण का मामला शामिल है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि इस मामले में अब 1 जुलाई से आरोप पत्र पर बहस होगी और फिर कोर्ट आरोप पत्र पर संज्ञान लेगा।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल के अनुसार, यह एक लंबी चार्जशीट थी। इसके बाद उन्होंने मामले की सुनवाई को अगली तारीख के लिए बुलाया। नया आरोप पत्र दाखिल किया गया है। अदालत इन तीन दिनों के दौरान 1500 पन्नों की चार्जशीट की समीक्षा करेगी।
नई याचिका कर सकते हैं दाखिल
जांच पर नज़र रखने के लिए एक नई याचिका दायर की जा सकती है। पहलवानों ने अदालत में दायर एक याचिका में अदालत की निगरानी में स्थिति की जांच कराने का अनुरोध किया था। महिला पहलवान अब इस याचिका को वापस लेने की मांग कर रही हैं। अदालत ने कहा कि इस संबंध में मामले में आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है। इस परिस्थिति में जांच की निगरानी की मांग करने वाली याचिका का कोई औचित्य नहीं है।
अदालत ने पहलवानों के वकील को निर्देश दिया कि अगर उन्हें जांच पर नजर रखने की जरूरत महसूस हो तो वे एक नई याचिका दायर करें।

बता दें कि दिल्ली पुलिस की 1500 पेज की चार्जशीट पर सुनवाई हो चुकी है. कुछ दिन पहले ही दिल्ली पुलिस की ओर से राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट पेश की गई थी।
यह भी पढ़ें : Ashes के मैदान में घुसे प्रदर्शनकारी, इंग्लैंड के बल्लेबाज ने उठाकर बाहर किया
प्रतिवादियों में बृज भूषण के अलावा डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर का नाम भी शामिल है। चार्जशीट में पहलवानों की मजिस्ट्रेट के सामने दी गई गवाही को बड़ा आधार बताया गया है।
बृजभूषण के खिलाफ गवाही देने वाले करीब 7 गवाह हैं। यौन शोषण की कथित साइट पर उस समय उसकी मौजूदगी के सबूत भी मिले हैं। कोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई के लिए आरोप पत्र को एमपी-एमएलए कोर्ट में भेज दिया। इसके अलावा, अदालत ने दिल्ली पुलिस को शिकायतकर्ता पहलवानों को सोमवार को आरोप पत्र की एक प्रति देने का आदेश दिया।
तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करें Twitter , Kooapp और YouTube पर फॉलो करें। Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजा-तरीन खबरें