DRDO और भारतीय नौसेना की उपलब्धि, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण

Indian NAVY- DRDO Successful Missile Test 2024: भारतीय नौसेना की ताकत को और बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इसी सिलसिले में, भारतीय नौसेना और डीआरडीओ ने शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन वर्टिकल मिसाइल का सफल परीक्षण किया। इस मिसाइल का परीक्षण ओडिशा के तट से किया गया, जो कम दूरी पर सतह से हवा में मार करने में सक्षम है। यह परीक्षण सतह-आधारित वर्टिकल लॉन्चर से किया गया और इसका लक्ष्य तेजी से उड़ रहे कम ऊंचाई वाले हवाई लक्ष्य को भेदना था। रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर पुष्टि की कि मिसाइल प्रणाली ने सफलतापूर्वक लक्ष्य को पहचानकर उसे भेद दिया।

मंत्रालय की ओर से बताया गया कि, “DRDO और Indian NAVY ने ओडिशा से दूर चांदीपुर में परीक्षण किया। इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (ITR) से वर्टिकल प्रक्षिप्त कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (VLSRSAM) का सफल परीक्षण किया गया।” मंत्रालय ने बताया कि इस परीक्षण का मुख्य उद्देश्य वेपन सिस्टम के विभिन्न तत्वों की प्रमाणिकता को सुनिश्चित करना था, जिसमें प्रॉक्सिमिटी फ्यूज़ और सीकर शामिल हैं। बयान में कहा गया कि परीक्षण की निगरानी आईटीआर चांदीपुर में तैनात रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम और टेलीमेट्री जैसे उपकरणों द्वारा की गई।

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नौसेना की ऑपरेशनल क्षमताओं को मिली नई मजबूती

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ और भारतीय नौसेना की टीमों की इस उपलब्धि की सराहना की है। उन्होंने कहा कि यह परीक्षण वीएल-एसआरएसएएम हथियार प्रणाली की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता को साबित करता है। DRDO के अध्यक्ष और रक्षा अनुसंधान व विकास विभाग के सचिव डॉ. समीर वी. कामत ने भी इस परीक्षण में शामिल टीमों को बधाई दी। उन्होंने बताया कि यह सिस्टम Indian NAVY की ऑपरेशनल क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा और देश की सैन्य शक्ति को नई मजबूती प्रदान करेगा।

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