
Agni Prime Missile: भारत का रक्षा क्षेत्र अपनी मजबूती में एक कदम और आगे बढ़ गया है। डीआरडीओ और स्ट्रैटेजिक फॉसेस कमांड ने मिलकर अग्नि प्राइम बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। इस परीक्षण को उड़ीसा के डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप पर सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। अग्नि प्राइम का परीक्षण 7 जून शाम 7:30 बजे किया गया। नई पीढ़ी की यह बैलिस्टिक मिसाइल अपने सभी मानव को और उद्देश्य पर खरा उतरी है।
कैसे हुआ यह सफलतापूर्वक परीक्षण
नई पीढ़ी की अग्नि प्राइम मिसाइल एक से दो हज़ार किलोमीटर तक दागी जा सकती है। अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस मिसाइल के तीन सफल परीक्षण के बाद इसका यह पहला फ्री – इंडक्शन नाइट लॉन्च था। इस मिसाइल का परीक्षण इसके सिस्टम की विश्वसनीयता और सटीकता को मापने के लिए कराया गया था। अग्नि प्राइम मिसाइल के पूरे ट्रेजेक्टरी यानी रास्ते और उड़ान डाटा को कैप्चर करने के लिए टर्मिनल बिंदु पर दो डाउन रेंज जहाज लगाए गए थे। इन जहाजों के अलावा अलग-अलग जगहों पर रडार, टेलिमेट्री, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम जैसे कई उपकरण लगाए गए थे। इन सभी उपकरणों के मापदंडों पर यह मिसाइल खरा उतरा है।
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी बधाई
इस परीक्षण को डीआरडीओ और स्ट्रैटेजिक फोर्सेस के वरिष्ठ अधिकारियों ने देखा जिससे सशस्त्र बलों की ताकत में और भी इजाफा हो गया। सफल परीक्षण के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ और स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमांड को सफलता के लिए बधाई दी। बता दें कि 1 जून 2023 को भारत में अग्नि-1 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल प्रशिक्षण प्रक्षेपण किया था।
(यह ख़बर विधान न्यूज के साथ इंटर्नशिप कर रहे गौरव श्रीवास्तव द्वारा तैयार की गई है)
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