Amogh Lila Das: “मैं किसी को दुखी करना नहीं चाहता, नहीं चाहता कि मेरी बात से कोई बुरा महसूस करें”, आध्यात्मिक संत व मोटिवेशनल स्पीकर अमोघ लीला दास ने कुछ ऐसे माफी मांगते हुए शनिवार 22 जुलाई को एक वीडियो शेयर किया है। दरअसल, उन्होंने स्वामी विवेकानंद के मछली खाने को लेकर बयान दिया था। उनका बयान क्या था, इस पर हम आगे बात करेंगे पर पहले आपको बता दें कि उनके बयान के कारण इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ कृष्णा कॉन्शियसनेस (ISCON) ने उन पर प्रतिबंध लगा दिया था।
क्या कहा संत अमोघ ने
अपने प्रवचन में संत अमोघ लीला दास ने स्वामी विवेकानंद के मछली खाने पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि क्या कोई सदाचारी व्यक्ति मछली खाएगा, मछली को भी दर्द होता है, ठीक, क्या सदाचारी होकर कोई मछली खाएगा? आपको बता दें कि स्वामी विवेकानंद के गुरू रामकृष्ण परमहंस पर भी संत अमोघ लीला दास ने टिप्पणी की थी, जिसे लेकर खूब बवाल मचा। पर पहले इस्कॉन (ISCON) ने प्रतिक्रिया दी, उसके बाद मंगलवार (11 जुलाई) को बयान जारी किया। इस बयान में यह बताया गया कि चूंकि अमोघ लीला प्रभु ने स्वीकार किया है कि स्वामी विवेकानंद और उनके गुरु के बारे में अनुचित टिप्पणी करके उन्होंने गलती की है।
इस्कॉन के बयान के मुताबिक, अमोघ लीला दास जी प्रायश्चित के तौर पर एक महीने के लिए सभी प्रकार के सामाजिक जीवन से खुद को दूर रखेंगे। इस बयान में कहा गया कि वह यानी अमोघ लीला दास प्रायश्चित के तौर पर एक महीने के लिए गोवर्धन की पहाड़ियों में चले जाएंगे।
कौन हैं संत अमोघ लीला दास
संत अमोघ लीला दास आध्यात्मिक प्रवचनकर्ता हैं। वे सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय हो चुके हैं। उनके बोलने की शैली को लोग खूब पसंद करते हैं। अमोघ लीला दास आध्यात्मिक संत बनने से पहले पेश से इंजीनियर थे और अमेरिका में मल्टीनेशनल कंपनी में भी काम कर चुके हैं। बहुत कम उम्र में ही उन्होंने अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरू कर दी थी। उनके मुताबिक, बारहवीं कक्षा में ही भगवान की तलाश में घर त्याग कर दिया था। हालांकि वे वापस भी आए और सॉफ़टवेयर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। ग्रेजुएशन के बाद वे अमेरिका में काम किया।
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