Benefits Of Yoga: निरोगी रहने के लिए आपको अच्छा आहार, सक्रिय जीवन शैली की जरूरत होती है। यह होता है तो नींद भी अच्छी मिलती है। पर यदि योग शामिल नहीं है तो आपको इस बारे में अब गंभीरता से सोचना चाहिए। इसका कारण है। दरअसल, आज कुछ भी ऐसा नहीं जिसमें मिलावट न हो।
प्रदूषण के कारण हवा और पानी भी शुद्ध नहीं है। इस कारण शरीर पर ऐसा प्रभाव पड़ता है कि यह व्याधियों का शिकार हो जाता है। हाल ही में लैंसेट पत्रिका में छपने वाली आइसीएमआर की रिपोर्ट ने चौंका दिया है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत का हर नौंवा व्यक्ति मधुमेह से जूझ रहा है। ऐसे में यदि योग को अपना लें तो ऐसी गंभीरता से बच सकते हैं। सजग बनें, आज ही योग को अपनाएं।
सब कर सकते हैं योग
ऐसा नहीं है कि कोई खास आदमी ही योग कर सकता है। योग की कुछ शर्तें हैं। बस सभी कर सकते हैं यह। ध्यान यह रखना है कि आप इसे अपनी क्षमता अनुसार करें। योग से पूर्व बरती जाने वाली सावधानी को ध्यान में रखें और उनका पालन करें। जैसे, शरीर को लचीला बनाने के लिए पहले सूक्ष्म क्रियाएं करें। शरीर के हर अंग को खींचें, दबाव डालें हिलाएं। ऐसा करने से प्रदूषित पदार्थ शरीर से बाहर आते हैं और आपका शरीर योग के लिए तैयार होने लगता है। इस पूरी प्रक्रिया में समय ज्यादा नहीं लगता। चार से पांच दिन तक यह तैयारी पूरी हो सकती है।
यदि नींद नहीं आ रही है
आजकल नींद की समस्या चरम पर है। जाहिर है मन अशांत और शरीर बीमारियों से जूझ रही है तो उसका सबसे अधिक असर आपकी नींद पर भी पड़ता है। रात भर करवट बदलते बीतती है। ऐसे में विशेषज्ञ मानते हैं कि आपको निद्रा योग करना चाहिए। यह योग का वह विधि है जब शरीर पूरी तरह आराम की मुद्रा में होता है। योगासन के बाद आपको निद्रा योग के लिए समय निकालना चाहिए। इसे आध्यात्मिक विश्राम भी कहा जाता है। इसमें व्यक्ति पूरी तरह नींद में नहीं आता बल्कि सजगता से विश्राम करता है। फल यह होता है कि आपको कुछ समय बाद आपको अच्छी नींद आने लगती है।
प्राणायाम से लाभ ही लाभ
यदि आप रोजाना प्राणायाम ही करें तो इसके कई लाभ होते हैं। सांस लेने की गति बेहतर होती है। आपका मन एक संतुलन में आने लगता है। तनावरहित होने लगता है। मन की क्षमता बेहतर होती है। आप प्रसन्न महसूस करते हैं। एक स्वस्थ व्यक्ति वही है जो सांस एक लय में लेता है। इसमें उतार-चढ़ाव का अर्थ है कि वह तनाव में है। प्राणायाम से एकाग्रता भी बढ़ती है। यह रक्त की शुद्धि करता है।
ब्रह्ममुहूर्त में करें ध्यान
सुबह तड़के उठकर ध्यान करना हमारे शास्त्र में सबसे अच्छा माना गया है। ध्यान अलग से कोई चीज नहीं है। ध्यान रहे यह हम जो योग करते हैं उसका हिस्सा है। सभी आसन करने के बाद विश्राम की मुद्रा में बैठकर इंद्रियों को अंतमुर्खी बना लेना ध्यान है। आप सचमुच ध्यान कर पाते हैं तो यह सभी प्रकार की चिंताओं से मुक्त कर देता है। ध्यान की कई तकनीक है पर आप कोशिश करें कि आसन करने के बाद ध्यान करें। इसका जो लाभ होगा वह स्थायी माना गया है। यानी शरीर और मन दोनों में सामंजस्य होता है शरीर को स्वास्थ्य का उपहार मिलता है।
तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करें Twitter , Kooapp और YouTube पर फॉलो करें। Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजा-तरीन खबरें