कांग्रेस सरकार Karnataka के सत्ता में आते ही ताबड़तोड़ फैसले ले रही है। वहीं पिछली भाजपा सरकार ने कर्नाटक के स्कूल के सिलेबस में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक जो चैप्टर जोड़ा गया था कांग्रेस उसे हटवाने की कवायद तेज कर चुकी है।
कर्नाटक के मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई पाठ्यपुस्तकों मे हमारी सरकार कुछ पाठों को हटाने जा रही है। आगे उन्होंने बाताया के बच्चों को ऐसे लोगों की कहानियां पढ़ाई जानी चाहिए जिसने राष्ट्र के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
मंत्री ने कहा अगर आप स्वतंत्रता संग्राम के बारे में बात करते हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया, इतिहास की किताबों में ये पढ़ाया जाना चाहती ना की एसी कहानी को जिसे आप अपना आदर्श मानते हैं। उन्होंने कहा बीजेपी ने अपने वैचारिक मुद्दों को पाठ्यपुस्तकों में डालने की कोशिश की है, जो बिलकुल भी सही नहीं है। इसलिए इसे बहुत गंभीरता से कांग्रेस पार्टी को इसमें सुधारात्मक उपाय करने चाहिए।
अनावश्यक सामग्री को हटाया जाएगा प्रदेश के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री मुध बंगारप्पा ने कहा स्कूली पाठ्यक्रमों की समीक्षा और विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार स्कूलों छात्रों के लिए जो जरूरी होगा वो ही रखा जाएगा बाकी जो अनावश्यक सामग्री को हटाया जाएगा।
कांग्रेस ने सिलेबस का भगवाकरण करने का आरोप लगाया था ।बता दें आपको पिछली भाजपा सरकार ने जब आरएसएस संस्थापक हेडगेवार के भाषण को स्कूल के पाठ्यक्रम में जोड़ा था तब विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस पर विरोध किया था। सिलेबस से स्वतंत्रता सेनिनियों, समाज सुधाराकें के पाठ को हटाकर पाठ का भगवाकरण करने का साज़िश बताया गया। वहीं कांग्रस ने तत्काली पाठ्यपुस्तक समीक्षा समिति के प्रमुख रोहित चक्रतीर्थ को सस्पेंड करने की मांग कांग्रस ने थी।
भाजपा ने बच्चों की मानसिकता को नहीं समझा है प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने कहा कि कर्नाटक में नए कक्षाओं के स्कूल शुरू हो चुके हैं लेकिन इसी वर्ष स्कूली पाठ्यपुस्तकों को संशोधित करने के राज्य सरकार के प्रस्ताव बात कर रही है। पिछली भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि पाठ्यक्रमों में बदलाव करना उनका बीजेपी संस्करण है। बच्चों के पाठ्यक्रम में क्या देना है भाजपा सरकार यह नहीं समझ पाई।
पाठ्यक्रम को लेकर पहले भी हुए विवाद
स्कूली पाठ्यक्रम मको लेकर ये बदलाव नया नहीं है पाठ्यक्रम को लेकर पहले भी कई बार विवाद हुआ है. बीजेपी की बोम्मई सरकार ने जब कन्नड़ भाषा के कक्षा 8 की किताब के एक चैप्टर में जोड़ा था कि वीर सावरकर अंडमान निकोबार की जेल से बुलबुल पक्षी के पंखों पर बैठकर देश का जाएजा लिया करते थे. आरएसएस के संस्थापक के भाषण को एक अध्याय के तौर पर शामिल करने पर भी विवाद हुआ था. इसके साथ ही टीपू सुलतान और समाज सुधारक पेरियार से जुड़े चैप्टर्स के साथ छेड़छाड़ की गई थी
(यह खबर विधान न्यूज में इंटर्न कर रहे MD Ghazanfar Usmani ने तैयार की है)
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