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Delhi Weather News: दिल्ली-एनसीआर के मौसम में बड़ा उलटफेर, बड़ा सवाल क्या ठंड की हो गई विदाई?

Delhi Weather News: अभी जनवरी बीता भी नहीं है कि दिल्ली-एनसीआर में लोगों को मार्च जैसी गर्मी का एहसास होने लगा है। ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठने लगा है कि क्या ठंड की विदाई हो रही है।

Delhi Weather News
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Delhi Weather News: अभी जनवरी भी पूरी नहीं बीती है कि गर्मी सताने लगी है। सुबह-सुबह तो फिर भी चलता है मगर दोपहर होते-होते धूप सताने रही है। कुछ दिन पहले तक जहां सर्दी से लोग परेशान हो रहे थे, शॉल, टोपी और मफलर लगाकर घूमते दिख रहे थे। पर अब मौसम ने पलटी मार ली है और पारा ऊपर चढ़ गया। बदलते मौसम ने लोगों को सर्दी से राहत तो दी है मगर चिंता भी बढ़ा दी है कि आखिर अभी से इतने गर्म दिन, तो आगे क्‍या होगा। जनवरी के महीने में ही मार्च वाला हाल हो गया है। सब हैरान हैं कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है.. तो चलिए जानते हैं कि इसके पीछे की वजह क्या है और मौसम विभाग का इसको लेकर क्या कहना है..

कहां गई वह दिल्‍ली वाली सर्दी?

दिल्ली की ठंड हाड़ कंपाने के लिए जाना जाता है लेकिन इस बार दिल्ली की ठंड सर्दी में गर्मी की एहसास करा रही है। दिल्ली में इस बार ठंड ने अपने आप में एक नया रिकॉर्ड बनाया है। इस बार रिकॉर्ड सर्दी ना पड़ने यानी सर्दी के मौसम में गर्मी का एहसास कराने का बनाया है। सर्दी के मौसम इस साल रात का तापमान थोड़ा गर्म रहा है। दिन के तापमान की करें तो यह सामान्य से कम महसूस की गई है। इस कारण दिल्ली में दिन के समय लोगों को ठंडक का ज्यादा एहसास हुआ।

पिछले 9 साल में इस बार दिल्ली-एनसीआर में सबसे कम गर्मी

सर्दी के इस मौसम में औसत अधिकतम तापमान 18.6 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 1 डिग्री कम है। दिल्ली के ट्रेम्प्रेचर में एक डिग्री की गिरावट की मुख्य वजह आसमान बादल या कोहरे बताई जा रही है। 19 जनवरी को भी तापमान में फिर गिरावट आई लेकिन ये गिरावट एक दो दिन ही रही। इसके बाद से फिर से तापमान बढ़ने लगा। पिछले 9 सालों में दिल्ली-एनसीआर में इस बार काफी हल्की और कम सर्दी पड़ी। आमतौर पर दिल्ली-एनसीआर में 27 दिसंबर से 20 जनवरी के बीच कड़ाके की सर्दी पड़ती है।

क्‍या है कम सर्दी का कारण?

मौसम विभाग के अनुसार, इस बार रात के तापमान के अनुसार पिछले 9 सालों में सबसे कम सर्दी पड़ी है। बीते सात सालों में ऐसा पहली बार देखने को मिला है कि जब एक सीजन में ना तो दिन का तापमान अधिक कम हुआ और ना ही किसी दिन कोल्ड वेव यानी शीतलहर चली। मौसम विभाग इस साल सर्दियां न पड़ने के पीछे ला नीना और पश्चिम विक्षोभ को जिम्मेदार मान रहा है।  साल 2015-16 के बाद ऐसा हुआ है जब यह सामान्य से दो डिग्री ज्यादा दर्ज किया गया। बता दें कि आमतौर पर ला नीना उत्तर भारत में सर्दी को बढ़ाता है, लेकिन इस बार इसका असर नहीं देखा जा रहा है। साथ ही इस बार पश्चिमी विक्षोभ का लगातार प्रकोप देखा  गया और इसके कारण हवा की दिशा में बार-बार बदलाव हुआ है।

पहाड़ों में भी बदलाव

सर्दी के इस मौसम में मैदानी इलाकों की तरह ही पहाड़ों में पर भी औसत अधिक तापमान दर्ज किया गया है। अन्य सालों के मुताबिक इस बार जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी कम बारिश और बर्फबारी हुई। आईएमडी के मुताबिक, कई हिमालयी इलाकों औसत से कम बर्फबारी हुई है। इसके कारण भी पहाड़ी और मैदानी इलाकों में सर्दी का सितम कम रहा। शुष्क मौसम के कारण कश्मीर में सर्दियों का सबसे ठंडा दौर कहलाने वाला 40 दिन का चिल्ले कलां 31 जनवरी ही खत्म करने की बात कही जा रही है।

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