
Diwali 2023 : हिंदू धर्म में दिवाली के त्योहार का विशेष महत्व है। रोशनी का यह त्योहार हर साल कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाता है। पूरे भारत में इस त्यौहार का एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। इस दिन पूरा देश दीपक जलाता है. हिंदू धर्म में दिवाली को सुख-समृद्धि लाने वाला त्योहार माना जाता है।
इस दिन धन की देवी देवी लक्ष्मी और भाग्य और समृद्धि के देवता भगवान श्री गणेश की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि दिवाली के दिन भगवान श्री राम लंकापति रावण पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटे थे। 14 वर्ष के वनवास के बाद भगवान राम की वापसी का जश्न मनाने के लिए, अयोध्यावासियों ने पूरी अयोध्या को दीपों से सजाया। तभी से पूरे देश में दिवाली मनाई जाने लगी। रोशनी का यह त्योहार पांच दिनों तक चलता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस साल दिवाली कब है और पांच दिवसीय दीपोत्सव पर्व की महत्वपूर्ण तिथियां क्या हैं।
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दिवाली 2023 कब है ?
दिवाली कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाई जाती है। इस साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि 12 नवंबर 2023 की दोपहर 2 बजकर 44 मिनट से शुरू हो रही है। इसका समापन अगले दिन 13 नवंबर 2023, सोमवार की दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर होगा। हिंदू धर्म में वैसे तो उदया तिथि के आधार पर पर्व और त्योहार मनाए जाते हैं, लेकिन दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा रात में प्रदोष काल के समय करना शुभ होता है, इसलिए दिवाली 12 नवंबर 2023 को मनाई जाएगी।
दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश पूजन विधि
- दिवाली पर शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी-गणेश की पूजा विधि पूर्वक की जाती है।
- इस दिन सबसे पहले कलश पर तिलक लगाकर पूजा आरम्भ करें।
- इसके बाद अपने हाथ में फूल और चावल लेकर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश का ध्यान करें।
- ध्यान के पश्चात गणेश जी और मां लक्ष्मी की प्रतिमा पर फूल और अक्षत अर्पण करें।
- फिर दोनों प्रतिमाओं को चौकी से उठाकर एक थाली में रखें और दूध, दही, शहद, तुलसी और गंगाजल के मिश्रण से स्नान कराएं।
- इसके बाद स्वच्छ जल से स्नान कराकर वापस चौकी पर विराजित कर दें।
- स्नान कराने के उपरांत लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा को टीका लगाएं। माता लक्ष्मी और गणेश जी को हार पहनाएं।
- इसके बाद लक्ष्मी गणेश जी के सामने बताशे, मिठाइयां फल, पैसे और सोने के आभूषण रखें।
- फिर पूरा परिवार मिलकर गणेश जी और लक्ष्मी माता की कथा सुनें और फिर मां लक्ष्मी की आरती उतारें।
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