Niti Aayog की आठवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक 27 मई यानी आज है। इसकी शुरुआत 2015 में हुई थी, तब से हर साल यह बैठक होती है जिसमें देश और राज्यों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चाएं होती है। हालांकि 2020 में कोरोना महामारी के चलते इसे स्थगित कर दिया गया था। इस साल के नीति आयोग की बैठक का 8 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बहिष्कार कर दिया है। इस पर भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद का एक बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि मोदी के विरोध के चलते ये मंत्री अपनी राज्य के जनता का नुकसान कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस बैठक में 100 से अधिक मुद्दों पर चर्चा होती है और किसी राज्य के मुख्यमंत्री का ना आना उसके राज्य की जनता को नुकसान पहुंचाएगा।
इन मुद्दों पर बैठक में चर्चा होगी
Niti Aayog की यह 8वीं बैठक प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हो रही है। इस तरह की बैठक में केंद्र और राज्य को विकास के मुद्दों, समस्याओं और उन्हें संयुक्त रूप से हल करने का अवसर देती है। नीति आयोग की इस बैठक में 2047 तक देश को विकसित अर्थव्यवस्था बनाने, एमएसएमई, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य एवं पोषण, बुनियादी ढांचा और निवेश, कौशल विकास और गति शक्ति जैसे मुद्दों पर चर्चा होनी है।
इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने नीति आयोग का बहिष्कार किया
नीति आयोग की बैठक का देश के 8 मुख्यमंत्रियों ने बहिष्कार किया है जिसमें दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, तेलंगाना के सीएम केसीआर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पंजाब के सीएम भगवंत मान, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, केरल के मुख्यमंत्री पीनाराई विजयन और कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया भी शामिल है।
इन मुख्यमंत्रियों के अलावा हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने काफी सोच-विचार के बाद 26 मई की देर रात बैठक में आने का फैसला लिया।
(यह ख़बर विधान न्यूज के साथ इंटर्नशिप कर रहे गौरव श्रीवास्तव द्वारा तैयार की गई है)
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