Arvind Kejriwal रामलीला मैदान में महारैली को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने पीएम मोदी पर सांप मर जाए और लाठी भी ना टूटे जैसा वार किया. सीएम केजरीवाल ने इस दौरान उन्होंने ‘एक चौथी पास राजा’ की कहानी भी सुनाई.
केजरीवाल ने कहा कि एक महान देश था। कई हजार साल पुराना देश। उस देश के एक गांव में एक बच्चा पैदा हुआ। बहुत गरीब घर में एक बच्चा पैदा हुआ। जैसे गांव के अंदर बच्चा पैदा होने पर ज्योतिषि आते हैं, वे बच्चे का भविष्य बताते हैं। ऐसे ही गांव का ज्योतिषि आया। उसने बच्चे की कुंडली देखी। बच्चे की मां को बोला कि माई तेरा बेटा बड़ा होकर बहुत बड़ा सम्राट बनेगा। माई को समझ नहीं आया कि मैं इतनी गरीब, मेरा परिवार इतना गरीब मेरा बेटा सम्राट कैसे बनेगा। खैर बच्चा, धीरे-धीरे बड़ा होने लगा। गांव के सरकारी स्कूल में उसका एडमिशन करा दिया। उसका पढ़ने लिखने में मन नहीं लगता था। पढ़ते-पढ़ते चौथी क्लास में आते ही उसने नाम कटवा लिया।
केजरीवाल ने आगे कहा कि गांव के बगल में एक रेलवे स्टेशन था। घर में बहुत गरीबी थी। वो बच्चा वहां स्टेशन पर जाकर चाय बेचने लगा। चाय बेचकर अपना गुजारा करता था। वह भाषण बहुत अच्छा देता था। बचपन से बड़ा अच्छा भाषण देता था। गांव के लड़कों को इकट्ठा करलेता और भाषण देना चालू कर देता। धीरे-धीरे आसपास के गांव में फैल गया कि ये बच्चा भाषण बड़ा अच्छा देता है। आसपास के लड़के भी इकट्ठे हो गए। कोई भी टॉपिक हो भाषण देना चालू कर देता। वो रुकता ही नहीं था घंटों-घंटों तक भाषण देता था। बच्चा बड़ा हुआ। ज्योतिषि ने कहा था, बच्चा बड़ा होकर महान देश का सम्राट बन गया।
राजा तो अनपढ़ था उसे कुछ पता नहीं था। अफसर आते उस अनपढ़ राजा से जहां मर्जी साइन करा लेते थे। जहां मर्जी जो मर्जी साइन कराया। वो राजा अनपढ़ था उसे लगता था कि मैं अगर अफसरों से पूछुंगा तो मेरी कमजोरी सबके सामने प्रकट हो जाएगी। अफसरों को लगेगा कि मेरे को कुछ आता नहीं है। अफसर जो मर्जी लेकर आते वहां साइन कर देता था। धीरे-धीरे पूरे देश के अंदर फैल गया कि राजा अनपढ़ है। राजा को बड़ा बुरा लगने लगा। इस पर राजा ने कहीं से फर्जी डिग्री का जुगाड़ कर लिया। एमए की डिग्री का। राजा बोला मैं एमए हूं। पर सच्चाई तो पूरे देश को पता थी। राजा तो अनपढ़ था। धीरे-धीरे राजा अहंकारी भी होता गया। अहंकारी राजा और उसपर अनपढ़। जो भी उस राजा के पास जाता कुछ भी पास कराके ले आता।
एक बार कुछ लोग गए और कहा कि नोटबंदी कर दो। नोटबंदी करने से भ्रष्टाचार, आतंकवाद खत्म हो जाएगा। उन्होंने राजा की खूब चमची मारी और राजा ने एक दिन शाम को 8 बजे टीवी पर आकर नोटबंदी कर दी। पूरे देश का बेड़ा गर्क हो गया। बैकों के सामने लंबी-लंबी लाइनें लग गई। कई लोग मर गए। दुकानें बंद होगई। रोजगार बंद हो गए। बड़ी-बड़ी इंडस्ट्रीज बंद हो गई। पूरे देश का बेड़ा गर्क हो गया। फिर कोई बोलो कि 2000 का नोट ले आओ। राजा 2000 का नोट ले आया। 4 साल बाद कुछ लोग बोले की 2000 का नोट बंद कर दो। राजा ने 2000 का नोट बंद कर दिया। राजा को अक्ल तो थी नहीं। राजा बेवकूफ था अनपढ़ था। एक बार कुछ लोगों ने कहा कि किसानों के कानून बना दो। इस कानून से किसानों का भला होगा। राजा ने कानून बना दिए। पूरे देश के किसान सड़कों पर उतर आए। आंदोलन में 750 किसानों की मौत हो गई। एक साल बाद राजा को तीनों कानून वापस लेने पड़े।
उन्होंने कहा कि एक दिन भारी बारिश हो रही थी और एक आकाशवाणी हुई, जिसमें लोगों से अहंकारी राजा के खिलाफ आवाज उठाने को कहा।
केजरीवाल ने कहा, ‘‘जनता जागी और एक वर्ष के भीतर राजा को सत्ता से बाहर कर दिया। राजा के हटने के बाद, देश ने तेजी से प्रगति शुरू कर दी। इस कहानी का महत्व यह है कि जितना अधिक आप इसे सुनाएंगे, आपका उतना ही अधिक कल्याण होगा। जितना अधिक आप इस कहानी का प्रचार करेंगे, समाज और राष्ट्र प्रगति करेगा।’’
(यह ख़बर विधान न्यूज के साथ इंटर्नशिप कर रहे ग़ज़नफ़र उस्मानी द्वारा तैयार की गई है)
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