BRICS Summit: भारत की कूटनीति का डंका, BRICS समेत पूरी दुनिया में हो रही तारीफ, जानिए इसके पीछे की वजह

Brics Shikhar Sammelan 2024: रूस में हो रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (BRICS Summit) में भारत नए रिश्तों की इबारत लिख रहा है। पुतिन के साथ बातचीत और हंसी-मज़ाक, जबकि जिनपिंग के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बीच द्विपक्षीय वार्ता इस दिशा में इशारा कर रही है।

BRICS Summit 2024: रूस के कजान शहर में आयोजित हो रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (India in BRICS Summit) में भारत ने अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करवाई है। भारत की कूटनीति का प्रभाव केवल ब्रिक्स तक सीमित नहीं है, बल्कि विश्वभर में इसकी प्रशंसा हो रही है। इस सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अन्य वैश्विक नेताओं से मुलाकात की। मोदी ने अपने विचारों को प्रभावशाली तरीके से रखा, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि भारत की भू-राजनीतिक स्थिति वैश्विक स्तर पर बहुत मजबूत है

BRICS में भारत की भूमिका

भारत ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज को मुखरता से उठाया। चीन के साथ रिश्तों को स्थिर करने के प्रयास भी किए गए। 

चीन के साथ स्थिर संबंध

पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच पांच साल बाद सीधी वार्ता हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने शांति बहाली और रिश्तों को बेहतर बनाने पर जोर दिया। इस मुलाकात से भारत-चीन के तनावपूर्ण संबंधों में सुधार की उम्मीद है।

रूस के साथ दोस्ती

ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान भारत और रूस के बीच की मजबूत दोस्ती फिर से दिखी। पुतिन और मोदी के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों ने विश्वभर का ध्यान खींचा, खासकर पश्चिमी देशों ने भी इसे बिना किसी तीखी प्रतिक्रिया के देखा, जो भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक सफलता मानी जा रही है।

वैश्विक संबंधों में भारत की स्थिति

भारत की कूटनीति की सबसे खास बात यह है कि यह लगभग सभी प्रमुख देशों के साथ दोस्तीपूर्ण संबंध बनाए हुए है। जी7 शिखर सम्मेलन में भारत ने ग्लोबल साउथ के मुद्दों को प्रभावी रूप से उठाया, जहां अधिकांश देशों के साथ भारत के संबंध मजबूत दिखे। हालांकि, कनाडा के साथ भारत के रिश्ते अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं और हालिया राजनयिक विवाद ने इस दूरी को और बढ़ा दिया है।

भारत-रूस संबंध

भारत और रूस के संबंधों में नया आयाम जुड़ गया है। पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की मित्रता एक बार फिर से दुनिया के सामने आई। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में दोनों नेताओं के बीच गर्मजोशी और आपसी विश्वास की झलक दिखाई दी। अमेरिका और पश्चिमी देशों ने इसे देखा, पर किसी ने तीखी प्रतिक्रिया नहीं दी, जिससे भारत की कूटनीतिक स्थिति और मजबूत हुई है।

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