भारत में इस साल कर्मचारियों की सैलरी में 9.5 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है। यह 2023 की वास्तविक वेतनवृद्धि 9.7 प्रतिशत से थोड़ा कम है। वैश्विक पेशेवर सेवा कंपनी एऑन पीएलसी के वार्षिक वेतनवृद्धि एवं कारोबार सर्वेक्षण 2023-24 भारत के अनुसार, वैश्विक महामारी के बाद 2022 में उच्च वेतनवृद्धि के बाद भारत में वेतन वृद्धि एक अंक यानी 10 प्रतिशत से कम पर स्थिर हो गई है। सर्वेक्षण में करीब 45 उद्योगों की 1,414 कंपनियों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है।
भारत में एऑन में प्रतिभा समाधान के साझेदार एवं मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी रूपांक चौधरी ने पीटीआई से कहा, “भारत के संगठित क्षेत्र में वेतन में अनुमानित वृद्धि उभरते आर्थिक परिदृश्य के सामने एक रणनीतिक समायोजन का संकेत देती है।” उन्होंने कहा, “बुनियादी ढांचे और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों की वृद्धि मजबूत है। यह कुछ क्षेत्रों में लक्षित निवेश की आवश्यकता का संकेत देता है।”
भू-राजनीतिक तनाव के बीच प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक वेतनवृद्धि भारत में जारी है। इसके बाद बांग्लादेश और इंडोनेशिया में 2024 में क्रमश: 7.3 प्रतिशत और 6.5 प्रतिशत औसत वेतन वृद्धि हुई है।
सर्वे में पता चला कि नौकरी छोड़ने की दर 2022 के 21.4 प्रतिशत से गिरकर 2023 में 18.7 प्रतिशत हो गई। वित्तीय संस्थानों, इंजीनियरिंग, ऑटोमोटिव और जीवन विज्ञान में सबसे अधिक वेतनवृद्धि की पेशकश की संभावना है, जबकि खुदरा तथा प्रौद्योगिकी परामर्श व सेवाओं में सबसे कम वेतन वृद्धि का अनुमान है।
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