Fake Potatoes: नकली आलू का भंडाफोड़! FSDA ने 21 क्विंटल आलू किया जब्त, FSSAI ने असली और नकली आलू पहचानने का बताया तरीका

Fake potatoes: कुछ व्यापारी मुनाफाखोरी के लिए आलुओं को केमिकल से पकाकर और रंगकर नकली आलू के रूप में बेच रहे हैं, जो सेहत के लिए बेहद खतरनाक हो सकते हैं।

Beware of fake potatoes: आलू हर घर की रसोई का एक अहम हिस्सा है, जिसका उपयोग हम विभिन्न सब्जियों, स्नैक्स और अन्य व्यंजनों में करते हैं। लेकिन हाल ही में कुछ व्यापारी अधिक मुनाफा कमाने के लिए खतरनाक तरीके अपनाकर नकली आलू बेच रहे हैं, जिससे हमारी सेहत को गंभीर नुकसान हो सकता है। ये व्यापारी आलुओं को केमिकल से पकाकर और रंगकर नकली आलू के रूप में बाजार में ऊंचे दामों पर बेच रहे हैं। यह स्थिति स्वास्थ्य के लिए बेहद चिंताजनक है।

FSDA की बड़ी कार्रवाई 

हाल ही में फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FSDA) ने उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में एक बड़ी छापेमारी की, जिसमें 21 क्विंटल नकली आलू जब्त किए गए। इन आलुओं को सफेद आलू से रंग बदलकर लाल रंग में बेचा जा रहा था। रिपोर्ट्स के अनुसार, इन नकली आलुओं को सामान्य से ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा था, जो लोगों की सेहत के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन नकली आलुओं में ऐसे केमिकल्स का उपयोग किया जाता है, जो कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकते हैं।

नकली आलू कैसे पहचानें? 

फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने नकली आलू की पहचान के लिए कुछ सरल उपाय बताए हैं। FSSAI के अनुसार, आप आलू को हल्के से मसलकर देख सकते हैं कि वह रंग छोड़ता है या नहीं। अगर आलू रंग छोड़ता है, तो वह नकली हो सकता है। इसके अलावा, आलू को पानी में डुबोने पर अगर कोई रंग निकलता है, तो वह भी नकली होने का संकेत हो सकता है।

केमिकल से पके आलू के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव 

केमिकल से पकाए गए आलू में कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल होता है, जो आर्सेनिक और फॉस्फोरस जैसे खतरनाक तत्वों से भरा होता है। ये रसायन शरीर के लिए बेहद हानिकारक होते हैं। इनके सेवन से उल्टी, डायरिया, पेट में जलन और अत्यधिक प्यास जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। आर्सेनिक जैसे तत्व शरीर में लंबे समय तक रहकर कैंसर जैसी बीमारियों का कारण भी बन सकते हैं।

लाल डाई से रंगे आलू स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा 

रिपोर्ट्स के अनुसार, इन नकली आलुओं को लाल डाई से रंगा जाता है, जो शरीर के लिए बेहद हानिकारक है। इस डाई को कार्सिनोजेनिक माना गया है, जिसका मतलब है कि यह कैंसर का कारण बन सकती है। इसलिए, बाजार से आलू खरीदते समय हमेशा सतर्क रहें और किसी भी अज्ञात रंग या गंध वाले आलुओं से बचें। नकली आलू न केवल आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं, बल्कि लंबे समय तक उपयोग करने से गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकते हैं।

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सतर्कता से खरीदें आलू 

इस प्रकार, नकली आलू का चलन एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है। आलू खरीदते समय हमेशा ध्यान दें कि वह असली है या नकली। यदि आपको कोई संदिग्ध आलू दिखाई देता है, तो उसकी जांच करना न भूलें और जरूरत पड़ने पर स्थानीय खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को सूचित करें।

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