Israel-Iran War effect on India: मिडिल ईस्ट में जारी इजरायल और ईरान के बीच का युद्ध अब पूरी दुनिया पर असर दिखा रहा है। दोनों देश एक-दूसरे को खत्म करने पर आमादा हैं। इजरायल लगातार ईरान पर बमबारी कर रहा है, तो ईरान भी बदला लेने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा है। इस संघर्ष का असर सिर्फ इन दोनों देशों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका प्रभाव भारत समेत कई देशों पर पड़ने वाला है। युद्ध की वजह से भारतीय शेयर बाजार पहले से ही प्रभावित हो चुका है, और आने वाले समय में इसका असर आम जनता पर भी दिखाई देगा।
भारतीय शेयर बाजार पर असर
इस युद्ध की शुरुआत से ही भारतीय शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली है। हाल ही में सेंसेक्स 1800 अंक तक नीचे खिसक गया, जो एक चिंता का विषय है। शेयर बाजार की यह गिरावट दर्शाती है कि इस संघर्ष का असर भारत की आर्थिक स्थिति पर पड़ने वाला है। अगर युद्ध लंबा खींचता है, तो आर्थिक नुकसान और भी ज्यादा हो सकता है।
महंगाई का बढ़ता बोझ
मिडिल ईस्ट में जारी युद्ध के चलते कच्चे तेल की सप्लाई बाधित हो सकती है, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है। ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स की कीमत 72.14 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई है। भारत जैसे देश, जो कच्चे तेल के आयात पर निर्भर हैं, के लिए यह स्थिति बेहद गंभीर हो सकती है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ेगा। तेल की कीमतें बढ़ने से परिवहन लागत में इजाफा होगा, जिससे सब्जी, दाल, फल-फूल जैसी रोजमर्रा की चीजों के दाम भी आसमान छू सकते हैं।
सप्लाई चेन पर असर
इस युद्ध का असर सिर्फ तेल तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि अन्य वस्तुओं की सप्लाई चेन पर भी इसका असर दिखेगा। भारत से ईरान को बासमती चावल का बड़ा हिस्सा निर्यात किया जाता है, और युद्ध की वजह से इस सप्लाई में रुकावट आ सकती है। इसी तरह, भारत से बड़ी मात्रा में चाय का निर्यात भी ईरान को किया जाता है। अगर यह युद्ध लंबा खींचता है, तो चावल और चाय के व्यापार पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
सनफ्लावर ऑयल की कीमतों में उछाल
भारत ईरान से सनफ्लावर ऑयल का आयात करता है, और युद्ध की वजह से इसके निर्यात में भी रुकावट आ सकती है। इससे भारत में सनफ्लावर ऑयल की कीमतें बढ़ने की संभावना है, जिससे आम लोगों को महंगे दामों पर यह तेल खरीदना पड़ सकता है।
सोने की कीमतों में उछाल
इस युद्ध का असर सोने की कीमतों पर भी देखने को मिल रहा है। सोने को हमेशा सुरक्षित निवेश के रूप में देखा जाता है, और ऐसे समय में जब दुनिया में अनिश्चितता बढ़ती है, तो निवेशक सोने की ओर रुख करते हैं। यही कारण है कि इस युद्ध के बीच सोने की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है। हाल ही में सोने की कीमतें 78,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई हैं, और विशेषज्ञों का मानना है कि यह 80,000 रुपये के पार भी जा सकती हैं।