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काहिरा में पहुंच रहे हैं आठ बड़े मुस्लिम देशों के नेता,जानें क्या है D-8 Summit, जिसपर हैं दुनिया की नजर

D-8 Summit: मिस्त्र की राजधानी काहिरा में कल 8 बड़े मुस्लिम देशो का सम्मेलन होने वाला है। इस साल का डी-8 सम्मेलन इसलिए भी खास है क्योंकि इसराइल जैसे संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।

D-8 Summit
D-8 Summit

D-8 Summit:  मिस्त्र की राजधानी काहिरा में दुनिया की आठ बड़े मुस्लिम देशों के नेता पहुंच रहे हैं। गुरुवार को इन आठ विकासशील देशों का यहां शिखर सम्मेलन होने वाला है। इस सम्मेलन की मेजबानी मिस्त्र के द्वारा किया जाएगा,इसके साथ ही इसमें तुर्की, ईरान, पाकिस्तान,बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मलेशिया और नाइजीरिया भाग लेने वाले हैं।

काहिरा सम्मेलन पर पूरी दुनिया की है नजर ( D-8 Summit )

इस मीटिंग पर पूरी दुनिया की नजर है क्योंकि यह मीटिंग उस समय हो रही है जब पश्चिम एशिया में हलचल देखने को मिल रही है। इस बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और बांग्लादेश के मुखिया मोहम्मद यूनुस भी शामिल होने वाले हैं।

ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशिकयान भी इस सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले हैं। यह सम्मेलन इसलिए भी खास है क्योंकि एक दशक के बाद ईरान का कोई राष्ट्रपति मिस्त्र की यात्रा करने वाला है। ईरान और मिस्त्र के रिश्ते अच्छे नहीं रहे हैं और दोनों देशों में काफी तनाव भी देखने को मिला है। लेकिन गाजा संकट से उभरने के बाद दोनों देशों के संबंध ठीक होने लगे क्युकी गाजा में मिस्त्र नें मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी।

काहिरा सम्मेलन में भाग लेने के लिए बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस मिस्त्र के लिए निकल चुके हैं। मोहम्मद यूनुस खुद इस सम्मेलन में बांग्लादेश का प्रतिनिधित्व करेंगे। शेख हसीना को सता से हटाए जाने के बाद अब बांग्लादेश की बागडोर मोहम्मद यूनुस के हाथ में है।

वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ भी D-8 सबमिट में भाग लेने के लिए निकल चुके हैं।18 से 20 दिसंबर तक वह काहिरा में ठहरने वाले हैं।सामने आई जानकारी के दौरान इस मीटिंग में इसराइल को लेकर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है।

1997 में हुआ था D-8 समिट का गठन

D-8 सबमिट का गठन दक्षिण पूर्व एशिया से लेकर अफ्रीका तक के देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बेहतर बनाने के लिए किया गया था।इस गठन का मुख्य उद्देश्य है देश के बीच आर्थिक और सामाजिक संबंधों को मजबूत करना इसके साथ ही विकासशील देशों को सहयोग प्रदान करना। इसमें आठ देश भाग लेते हैं जिनकी जनसंख्या लगभग एक अब से ज्यादा है।यह देश एक दूसरे के आर्थिक और राजनीतिक संबंधों के बारे में चर्चा करते हैं।लेकिन इस बार इस मीटिंग पर पूरी दुनिया की नजर है क्योंकि इसराइल को लेकर इस दौरान कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है।

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