Manipur Violence : बीते तीन महीनो से महीपुर में हिंसा जारी है. इसी सामने बीच रिपोर्ट्स में खुलासा हुआ है की म्यांमार से घुसपैठिए भारत आ रहे हैं और हिंसा प्रभावित इलाकों में जा रहे हैं. मणिपुर की सरकार ने इस घुसपैठ को रोकने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने यह फैसला लिया है की अब मणिपुर में अवैध रूप से आने वाले सभी लोगों की बायोमेट्रिक जांच होगी। इसके अलावा म्यांमार से आने वाले लोगों का बायोमेट्रिक डाटा सितंबर तक इकट्ठा कर लिया जाएगा।
इस फैसला पर अमल करने के लिए सरकार ने अधिकारियों को ट्रेनिंग के लिए नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो भेजा है। आपको बता दें मणिपुर में 3 महीने से जातीय हिंसा जारी है। यहां कुकी और मैतेई समुदाय के बीच संघर्ष चल रहा है।
सीएम का कहना राज्य में हिंसा के लिए घुसपैठिए जिम्मेदार
मणिपुर में तीन महीनो से हिंसा अपने चरम सीमा पर है। इसी बीच राज्य में म्यांमार से कई घुसपैठिए हििंसा प्रभावित क्षेत्रों में आ रहे हैं। मणिपुर से चुरचंदपुर इलाके में सात म्यांमार के नागरिकों को गोली लगी है। राज्य के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह का कहना है की राज्य में हिंसा, ड्रग्स और अस्थिरथा के लिए म्यांमार के घुसपैठिए जिम्मेदार है।
4 मई को हुए हादसे के बाद सरक से जवाब मांग रहा विपक्ष
मणिपुर में 4 मई को 21 वर्षीय लड़की को निर्वस्त्र कर घुमाया गया था. उसी दिन उस लड़की के भाई और पिता पिता को भीड़ ने मार डाला। इस घटना के बाद संसद भवन में विपक्ष लगातार प्राणधामनात्री नरेंद्र मोदी से जवाब मांग रहा है।
विपक्ष की कांग्रेस सरकार ने तो केंद्र सरकार के लिए अविश्वास पत्र भी पेश कर दिया है, जिसपर चर्चा सोमवार को हो सकती है। इसी बीच निर्वस्त्र कर घुमाई गई लड़की की की मां ने सरकार से अपनी बेटी, पति और बेटे के लिए इंसाफ की मांग की है। उन्होंने दोषियों को मौत की सजा और अपने पति और बेटे का शव देखने की मांग की। विपक्षी दलों का के प्रतिनिधिमंडल हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के लोगों से मुलाकात करने पहुंचा है।
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