U.P Mayor Election Result : यूपी नगर निकाय चुनाव में 2 मेयर समेत विभिन्न अपराधों में लिप्त उम्मीदवार भी जीते चुनाव।

U.P Mayor Election Result : यूपी नगर निकाय चुनाव के परिणाम आ चुके है और बीजेपी ने यूपी के सभी 17 मेयर की सीटों पर भगवा झंडा लहरा दिया है। इसपर कल शाम केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर सीएम योगी और पीएम नरेंद्र मोदी को बधाई दी।
ऐसे में क्या आपको पता है कि यूपी नगर निकाय चुनाव में 2 मेयर समेत कई ऐसे उम्मीदवार भी चुनाव जीते है जिनपर कई केस दर्ज है।

U.P Mayor Election Result : कितने उम्मीदवारों पर केस दर्ज है?

नगर निकाय चुनाव में 397 ऐसे उम्मीदवारों ने भी जीत हासिल की है जिनपर कई प्रकार के आपराधिक मामले दर्ज है, इनमे 2 मेयर भी शामिल है। वहीं नगर निगमों में पार्षदों का चुनाव जीतने वालों में 1285 उम्मीदवारों पर कोई केस दर्ज नहीं है। 31 के बारे में आयोग के पास जानकारी नहीं है।
सबसे अधिक नगर पालिका परिषद के 135 ऐसे सदस्यों ने जीत हासिल की है जिनके ऊपर विभिन्न आपराधिक मामले दर्ज हैं।इसी प्रकार नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव जीतने वाले 30 सदस्यों पर केस दर्ज है, 3 के बारे में आयोग के पास कोई जानकारी नहीं है। वहीं नगर पंचायत अध्यक्षों में 55 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, 12 के बारे में आयोग के पास जानकारी नही है। नगर पंचायत सदस्यों में 72 उम्मीदवार ऐसे है जिनपर केस दर्ज है, 308 उम्मीदवारों के बारे में आयोग के पास जानकारी नही है।

क्या थी चुनाव को लेकर गणेश खेमका की याचिका?

आईएएस अशोक खेमका के बेटे गणेश खेमका की तरफ से याचिका दायर कर कहा गया कि आखिर सजा की अवधि के अनुसार कैसे तय किया जा सकता है कि कोई व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है या नहीं। ऐसे में किसी भी अपराध के दोषी और सजा पाने वाले सभी लोगों को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दिया जाना चाहिए।मौजूदा प्रावधान के अनुसार जिस व्यक्ति को दो साल से कम की सजा होती है, वह चुनाव लड़ सकता है, जबकि दो साल से ज्यादा सजा होने पर चुनाव नहीं लड़ा जा सकता।

याचिका में कहा गया कि अपराधी तो अपराधी है भले ही उसका गुनाह छोटा हो या बड़ा। ऐसे में सजा के आधार पर गुनाहगारों में भेदभाव कैसे किया जा सकता है। दोषी करार दिए गए और सजा पाने वाले किसी भी व्यक्ति को चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं होना चाहिए। ऐसा न करना समानता के अधिकार का उल्लंघन है।
बता दें की रिप्रेजेंटेंशन ऑफ पीपल्स एक्ट 1951 की धारा 8 (1) और 8 (2) के मुताबिक जहां दंडित व्यक्ति के चुनाव लड़ने से अयोग्य करार दिए जाने की बात की गई है वहीं 8 (3) में इसे दो साल या इससे ज्यादा सजा होने पर व्यक्ति विशेष को चुनाव लड़ने से अयोग्य करार दिए जाने की बात कही गई है।

(यह ख़बर विधान न्यूज के साथ इंटर्नशिप कर रहे गौरव श्रीवास्तव द्वारा तैयार की गई है।)

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