US Tariffs on India: डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगा दिया गया है लेकिन भारत झुकने को तैयार नहीं है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ शब्दों में कह दिया है कि चाहे कोई भी कीमत चुकानी पड़े हम समझौता नहीं करेंगे। हालांकि भारत के ऊपर लगाए गए टैरिफ का संदेश पर पड़ना शुरू हो गया है। जानकारों की माने तो इससे देश के जीडीपी में तगड़ी गिरावट देखने को मिलेगी।
भारत पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 50% टैरिफ लगाने के बाद, भारत सरकार ने भी जवाबी कार्रवाई करने का संकेत दिया है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने संसद में कहा कि सरकार निर्यातकों से बातचीत कर रही है ताकि टैरिफ के प्रभाव को कम किया जा सके। साथ ही, भारत ने अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है, जो विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के तहत होगा।
भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई (US Tariffs on India)
अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाना: भारत ने अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है, जिससे अमेरिकी निर्यातकों को नुकसान हो सकता है।
नए बाजार तलाशना: भारत सरकार नए बाजार तलाशने और व्यापार समझौतों का स्ट्रैटेजिक उपयोग करने की आवश्यकता पर विचार कर रही है।
WTO में शिकायत: भारत ने WTO को एक दस्तावेज सौंपा है, जिसमें अमेरिकी स्टील और एल्यूमिनियम पर टैरिफ बढ़ाने का उल्लेख है ।
सरकार का रुख
सतर्क और रणनीतिक: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि कोई भी समझौता दोनों देशों के लिए फायदेमंद होना चाहिए।
किसानों के हितों की रक्षा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत अपने किसानों के हितों के साथ कोई समझौता नहीं करेगा।
अब देखना यह है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता कैसे आगे बढ़ती है और दोनों देश अपने हितों की रक्षा के लिए क्या कदम उठाते हैं। वहीं अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री ने कहा है कि भारत के साथ दुश्मनी मोलना अमेरिका के लिए अच्छा नहीं है। इससे भारत को नुकसान हो ना हो लेकिन अमेरिका को नुकसान हो जाएगा क्योंकि भारत अमेरिका का अच्छा दोस्त है इससे दोनों के रिश्तों में खटास आएगी।