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Gyanvapi Mosque Case: ज्ञानवापी परिसर में 30 साल बाद हिंदुओं को मिला पूजा का अधिकार

Gyanvapi Mosque Case: कोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी परिसर के व्यास तहखाने में गुरुवार सुबह पूजा की गई। वाराणसी की जिला अदालत के फैसले के बाद रातों-रात तहखाने से बैरिकेडिंग हटा दी गई और पूजा के लिए लोग जुटने लगे।

Gyanvapi Mosque Case: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के व्यास जी तहखाने में 30 साल बाद हिंदू पक्ष को पूजा करने का अधिकार मिल गया है। वाराणसी की जिला कोर्ट ने हिंदू पक्ष के हक में बड़ा फैसला दिया है। वाराणसी की जिला अदालत ने बुधवार को ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने में हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने का आदेश दे दिया। हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने बताया कि जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने तहखाने में पूजा पाठ करने का अधिकार व्यास जी के नाती शैलेन्द्र पाठक को दे दिया है।

उन्होंने पीटीआई को बताया कि जिला जज ने अपने आदेश में जिलाधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा है कि वादी शैलेन्द्र व्यास तथा काशी विश्वनाथ ट्रस्ट द्वारा तय किए गए पुजारी से व्यास जी के तहखाने में स्थित मूर्तियों की पूजा और राग भोग कराए जाने की व्यवस्था 7 दिन के भीतर कराएं। यादव ने बताया कि पूजा कराने का कार्य काशी विश्वनाथ ट्रस्ट करेगा। ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने के समक्ष बैठे नंदी महाराज के सामने लगी बैरीकेडिंग को हटाकर रास्ता खोला जाएगा।

कोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी परिसर के व्यास तहखाने में गुरुवार सुबह पूजा की गई। वाराणसी की जिला अदालत के फैसले के बाद रातों-रात तहखाने से बैरिकेडिंग हटा दी गई और पूजा के लिए लोग जुटने लगे। यादव ने बताया कि ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाने में पूजा-पाठ किए जाने संबंधी आवेदन पर जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में दोनों पक्ष की तरफ से मंगलवार को बहस पूरी कर ली थी।

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हिंहू पक्ष का कहना था कि नवंबर 1993 तक सोमनाथ व्यास जी का परिवार उस तहखाने में पूजा पाठ करता था, जिसे तत्कालीन मुलायम सिंह यादव सरकार के शासनकाल में बंद करा दिया गया था और अब वहां फिर से हिंदुओं को पूजा का अधिकार मिलना चाहिए। इस पर मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि व्यास जी का तहखाना मस्जिद का हिस्सा है लिहाजा उसमें पूजा-पाठ की अनुमति नहीं दी जा सकती।

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