Higher Education : अब बिना PHD किए बनें असिस्टेंट प्रोफेसर, यूजीसी का बड़ा ऐलान

Higher Education : अगर आप भी असिस्टेंट प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो अब College या फिर University में आपको असिस्टेंट प्रोफेसर की जॉब के लिए पीएचडी की डिग्री की कोई जरूरत नहीं पड़ने वाली है. यूजीसी की तरफ से एक बड़ा ऐलान कर नए नियम लागू कर दिए गए हैं. आईए जानते हैं यूजीसी ने असिस्टेंट प्रोफेसर की जॉब के लिए क्या कुछ नए नियम लागू किए हैं.

यूजीसी की तरफ से सभी उच्च संस्थानों के लिए बड़ा बदलाव किया गया है. असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों के लिए अब नए नियम लागू हो चुके हैं. अगर आप भी किसी उच्च शिक्षा संस्थान में असिस्टेंट प्रोफेसर की जॉब करना चाहते हैं तो अब आपको NET/ SET/ SLET के आधार पर सीधी भर्ती मिल जाएगी.

बता दें यह नियम और यह बदलाव का ऐलान खुद अधिसूचना यूजीसी के सचिव प्रोफेसर मनीष जोशी की ओर से किया गया है. यह नियम प्रोफेसर द्वारा 1 जुलाई 2023 से लागू किया गया है. इस खबर की पूरी जानकारी देते हुए यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार द्वारा ट्वीट भी किया गया है. ट्वीट के अंदर सभी विश्वविद्यालय और महा विश्वविद्यालय को बताया गया है कि असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए अब एचडी की डिग्री जरूरी नहीं है. आप भी इस ट्वीट को पढ़ें.

अब PHD के लिए चाहिए 6 साल

आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें अब PHD पीएचडी के कोर्स के लिए पूरे 6 साल तक का समय लागू किया जा चुका है. नए नियमों के अनुसार एडमिशन डेट से लेकर पूरे 6 साल तक का समय आपके कोर्स में यानी PhD में लागू होगा. इस बात की जानकारी और सूचना खुद यूजीसी के चेयरमैन द्वारा दी गई है .

वहीं इसी के साथ-साथ एक अहम बात भी आपको बता देते हैं कि ऐसी सभी PhD कोर्स पर रोक लगा दी गई है जो ऑनलाइन और डिस्टेंस द्वारा करवाई जा रही थी. बता दें इससे पहले थिसिस जमा करने से पहले रिसर्चर को कम से कम दो रिसर्च छपवाने अनिवार्य होती थी. लेकिन अब नए नियमों के अनुसार यूजीसी द्वारा इसपर छूट दे दी गई है. यानि कुल मिलाकर रिसर्चर को रिसर्च के दौरान दो पेपर छपवाने की प्रक्रिया पर छूट दे दी गई है.

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