UPSC Success Story: बचपन में माता-पिता को खोया , अफसर द्वारा अपमान के बाद छोड़ दिया कांस्टेबल की नौकरी, जानें IAS उदय रेड्डी की कहानी 

UPSC Success Story: यूपीएससी की परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। इस परीक्षा को पास करने के लिए कठिन परिश्रम के साथ धैर्य की आवश्यकता होती है। कुछ ऐसे बच्चे होते हैं जो कठिन परिश्रम से इस कठिन परीक्षा को पास कर दिखाते हैं। आज हम आपको उदय कृष्ण रेड्डी की कहानी बताएंगे...

UPSC Success Story:  कुछ करने की ठान लें तो कोई भी मुश्किल उसका रास्ता नहीं रोक सकती। यूपीएससी की परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में एक माना जाता है और इस परीक्षा को पास करने के लिए लोग कड़ी मेहनत करते हैं। कुछ ऐसे बच्चे होते हैं जो यूपीएससी की राह में आने वाले मुश्किलों से डर कर तैयारी छोड़ देते हैं लेकिन कुछ ऐसे बच्चे भी होते हैं जो कड़ी मेहनत करते हैं और जब तक सफलता नहीं मिलती तब तक लगे रहते हैं।

आज हम आपको देश के एक ऐसे युवा की कहानी बताएंगे जो कड़ी मेहनत के बदौलत यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा को पास कर दिखाया। हम आपको उदय कृष्ण रेड्डी के बारे में बताएंगे जिन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास करने के लिए पुलिस कांस्टेबल की नौकरी छोड़ दी। 2023 में यूपीएससी की परीक्षा उन्होंने पास कर दिखाया। उदय कृष्ण रेड्डी ने पुलिस विभाग के एक बड़े अफसर के द्वारा अपमानित होने के बाद इस नौकरी को छोड़ दिया और अफसर बनने की ठान ली। 6 साल कड़ी मेहनत के बदौलत उदय कृष्ण रेड्डी ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर दिखाया।

60 पुलिसकर्मियों के सामने झेला था अपमान, छोड़ी नौकरी (UPSC Success Story)

दरअसल, साल 2013 से 2018 तक उदय कृष्ण रेड्डी आंध्र प्रदेश पुलिस में कॉन्स्टेबल पद पर थे।बताया जा रहा है कि साल 2018 में सर्कल इंस्पेक्टर (CI) ने करीब 60 साथी पुलिसकर्मियों के सामने उदय का अपमान किया था. कथित तौर पर इस अपमान से आहत होकर उदय ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और दृढ़ संकल्प लिया कि वे एक दिन अधिकारी बनेंगे।

यूपीएससी CSE क्रैक कर पाई 780वीं रैंक

कॉन्स्टेबल पद से इस्तीफा देने के बाद उदय कृष्ण रेड्डी ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की और पूरा फोकस एक आईएएस अधिकारी बनने पर लगाया. उन्होंने यूपीएससी सिविस सेवा परीक्षा 2023 में 780वीं रैंक हासिल की है.

छोटी उम्र में माता-पिता को खोया, दादी ने पाला

उदय कृष्ण रेड्डी आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले के सिंगरायकोंडा मंडल के उल्लापलेम गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने कम उम्र में ही अपने माता-पिता को खो दिया था. जिसके बाद दादी ने उनकी परवरिश की. उन्हें 2013 में कॉन्स्टेबल की नौकरी मिल गई थी. रेड्डी ने पांच साल की सेवा के बाद इस्तीफा दे दिया और अपने चौथे प्रयास में 780वीं रैंक हासिल कर अपने लक्ष्य तक पहुंच गए.

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