सपा सूत्रों की मानें तो INDIA की बैठक उत्तर प्रदेश में साल के आखिर में हो सकती है| इस बैठक की मेजबानी अखिलेश यादव के हाथों में होगी, क्योंकि विपक्षी गठबंधन के वो अहम हिस्सा हैं|
देश में 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दांव लगातार चले जा रहे हैं| विपक्षी एकता की पहली बैठक नीतीश कुमार-तेजस्वी यादव की मेजबानी में पटना (बिहार) में तो दूसरी बैठक कांग्रेस की मेजबानी में बेंगलुरु (कर्नाटक) में आयोजित की गई और अब तीसरी बैठक मुंबई (महाराष्ट्र) में होनी है| विपक्षी गठबंधन INDIA ने हर महीने एक राज्य में बैठक करने की स्ट्रैटेजी बनाई है ताकि बीजेपी को घेरने के साथ-साथ अपने सहयोगी दलों को भी साधकर रखा जा सके|
नरेंद्र मोदी के खिलाफ 2024 के चुनाव में विपक्ष एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरने के मूड में है| यह फैसला जून में हुई पटना की बैठक में लिया गया था, जहां पर साथ मिलकर चुनाव लड़ने पर सहमति बनी| इसके बाद इसी महीने जुलाई में कर्नाटक के बेंगलुरु में हुई विपक्षी बैठक में गठबंधन का नाम फाइनल किया गया| बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए से मुकाबला करने के लिए विपक्ष ने अपने गठबंधन का नाम INDIA यानि इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस रखा| विपक्ष अब तीसरी बैठक महाराष्ट्र के मुंबई में करने जा रहा हैं, जहां INDIA के संयोजक के नाम पर मुहर लगने की संभावना है|
मुंबई में विपक्षी गठबंधन INDIA की बैठक अगस्त महीने की दूसरे या तीसरे हफ्ते में आयोजित होनी है| इस बैठक की मेजबानी शिवसेना (उद्धव गुट), एनसीपी (शरद पवार खेमा) और कांग्रेस करेगी| महाराष्ट्र में इन तीनों दलों का पहले से ही गठबंधन है और बैठक करके अपनी दोस्ती को मजबूत बनाए रखने के साथ-साथ बीजेपी को भी सियासी संदेश देने की रणनीति है| इसी के मद्देनजर विपक्षी गठबंधन अपनी तीसरी बैठक मुंबई में आयोजित कर रही है ताकि एनडीए को मजबूती के साथ घेरा जा सके| INDIA की फेहरिस्त में पश्चिम बंगाल की कोलकाता से लेकर उत्तर प्रदेश के लखनऊ, तमिलनाडु के चेन्नई, दिल्ली, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश भी है, जहां बैठक करने का प्लान बनाया गया है|
विपक्षी गठबंधन INDIA की बैठक उत्तर प्रदेश में साल के आखिर में हो सकती है| इस बैठक की मेजबानी सपा प्रमुख अखिलेश यादव के हाथों में होगी, क्योंकि विपक्षी गठबंधन के वो अहम हिस्सा हैं| सीएम नीतीश कुमार पहले ही कह चुके हैं कि यूपी में बनने वाले विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व अखिलेश यादव करेंगे| ऐसे में यूपी में होने वाली बैठक की जगह भले ही अभी तय नहीं है, लेकिन मेजबानी का जिम्मा अखिलेश और उनके समाजवादियों पर होगा| विपक्षी गठबंधन में यूपी के 5 दल हैं, जिनमें सपा, आरएलडी, कांग्रेस, कृष्णा पटेल की पार्टी अपना दल और चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी शामिल है| इन सभी विपक्षी दलों में सपा ही सबसे बड़ी पार्टी है|
विपक्षी दलों ने अपने प्रमुख सहयोगी दलों के प्रभाव वाले राज्यों को मेजबानी देकर उन्हें साधे रखने की स्टैटेजी अपनाई है| विपक्ष इस तरह से करके यह बताने की कोशिश कर रहा है कि गठबंधन में शामिल सभी सहयोगी दलों की अपनी अहमियत है और उसका फायदा भी उसे चुनाव में मिले| इसके अलावा यह भी बताने की रणनीति है कि बीजेपी के खिलाफ विपक्ष पूरी तरह से एक साथ है|
विपक्षी गठबंधन में कई ऐसे दल हैं, जो अभी तक एक- दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ते रहे हैं| ऐसे में गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच वैचारिक मतभेद भी रहे हैं, लेकिन 2024 में बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए एक साथ आए हैं| यही वजह है कि INDIA देश के अलग-अलग राज्यों में बैठक कर अपनी एकता के सियासी संदेश देने के साथ-साथ सभी सहयोगी दलों के कार्यकर्ताओं के बीच भी बेहतर संतुलन बन सके|
इसके अलावा अलग-अलग राज्यों में बैठक करने से विपक्षी गठबंधन का माहौल भी बना रहेगा, क्योंकि जब-जब बैठकें होंगी तो मीडिया में उस पर बात होगी| इस तरह से मीडिया की सुर्खियों में खुद को बनाए रखने की रणनीति है| इसीलिए एक महीने में एक बैठक हो रही है और दूसरी बैठक दूसरे राज्य में हो रही है ताकि यह गठबंधन लगातार चर्चा के केंद्र में बने रहे|
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