Jamia Millia Islamia: डिमेंशिया से पीड़ित वरिष्ठ नागरिकों के सम्मान और चुनौतियों पर जामिया मिलिया में हुआ सेमिनार, ग्रस्त लोगों के लिए उठाए जाएंगे ये कदम

Jamia Millia Islamia: देश की बहुचर्चित शिक्षा संस्थान जामिया मिलिया में डिमेंशिया से पीड़ित वरिष्ठ नागरिकों से जुड़े मुद्दों पर दो दिन का सेमिनार आयोजित किया गया

Jamia Millia Islamia: डिमेंशिया एक ऐसी बीमारी बन गई है जो बुजुर्ग नागरिकों को जल्द ही अपनी पकड़ में ले लेती है। डिमेंशिया के लक्षणों में डिप्रेशन, चिंता, अनुपयुक्त व्यवहार समेत पागलपन और घबराहट भी शामिल है। इसी के मद्देनजर देश के प्रतिक्षित संस्थान जामिया मिलिया इस्लामिया नें बुजुर्ग नागरिकों के लिए डिमेंशिया अनुकूल समाज बनाने और इससे जुड़े विभिन्न मुद्दे और चुनौतियों के लिए दो दिनों के सेमिनार का आयोजन किया। यह आयोजन 6 मार्च और 7 मार्च को आयोजित किया गया।

दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का हुआ आयोजन

जामिया मिलिया इस्लामिया में 6 मार्च और 7 मार्च, 2024 को समाजशास्त्र विभाग ने Ministry of Social Justice and Empowerment के Senior Citizen Division National Institute of Social Defence के सहयोग से एक सराहनीय थीम पर सेमिनार किया जिसका विषय “बुजुर्ग नागरिकों के लिए डिमेंशिया अनुकूल समाज बनाना: मुद् दे और चुनौतियाँ” था।

कुलपति प्रो.इकबाल हुसैन की अध्यक्षता में हुआ सेमिनार

जामिया मिलिया इस्लामिया के कार्यवाहक कुलपति प्रो.इकबाल हुसैन की अध्यक्षता में दो दिवसीय सेमिनार की शुरुआत हुई। प्रो.हुसैन ने इस सेमिनार में बताया कि देश में डिमेंशिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आर्थिक परेशानी, अशिक्षा, संयुक्त परिवार खत्म होना, कुपोषण इस बीमारी से जुड़ी गलत धारणाएं इसकी रोकथाम में आड़े आती रही हैं।

कार्यक्रम में मुख्यअतिथि रहें

इस सेमिनार में मुख्य अतिथि के तौर पर मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी, हैदराबाद,के पूर्व कुलपति डॉ. एम. असलम परवेज़ मौजूद रहें। साथ ही जामिया मिलिया इस्लामिया के समाज शास्त्र विभाग की अध्यक्ष प्रो. अज़रा आबिदी ने इस सेमिनार में आए सभी प्रतनिधियों का स्वागत किया। उन्होंने अपने संबोधन में डिमेंशिया से पड़ने वाले प्रभाव को रूपरेखा को बताया।

इसके अलावा इस सेमिनार में प्रोफेसर संघ मित्राशील आचार्य (जवाहरलालनेहरूविश्वविद्यालय (जेएनयू)) की ने डिमेंशिया पर महत्वपूर्ण भाषण दिया और इस उद्घाटन सत्र में अपनी उपस्थिति के लिए धन्यवाद भी दिया।
इस सेमिनार की खास बात ये रही कि देश भर से आए विद्वानों और प्रतिनिधियों ने शोध पत्रों को प्रस्तुत किया और डिमेंशिया से ग्रस्त लोगों की देखभाल के लिए कई कदमों पर अपनी प्रतिक्रिय़ा भी दी।

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