
Kota Rani: कश्मीर को धरती का स्वर्ग कहा जाता है। हर साल यहां लाखों की संख्या में पर्यटक जाते हैं।भारत को ऐतिहासिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। आज कश्मीर में ज्यादातर मुस्लिम है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि एक समय में यह हिंदुओं का गढ़ था। यहां चार महिलाओं ने शासन किया था जिनकी वीरता की गाथाएं इतिहास के पन्नों में कहीं खो गई है। आज हम आपको कश्मीर की आखिरी हिंदू वीरांगना शासिका के बारे में बताएंगे।
बहादुर महिला थी रानी कोटा (Kota Rani)
कैसे लोग हैं जिन्होंने रानी कोटा का नाम नहीं सुना होगा लेकिन यह उन चार महिलाओं में से एक थी जिन्होंने कश्मीर पर शासन किया था। रानी कोटा कश्मीर की आखिरी शासिका थी। उन्होंने 1338 से 4 जुलाई 1339 तक कश्मीर पर शासन किया था।
राजा सुहादेव के सेनापति रामचंद्र की बेटी थी रानी कोटा
रानी कोटा राजा सहादेव के सेनापति रामचंद्र की बेटी थी। कोटा रानी लोहार राजवंश के राजा के सेनापति की बेटी थी। कश्मीर पर जब मंगोल ने हमला किया था तब राजा सुहादेव डर कर भाग गए थे और सारा कश्मीर 8 महीना तक लूटता रहा।
राजा के भागने के बाद रामचंद्र ने व्यवस्था सुधारने की कोशिश की और उसे समय दो बाहरी लोगों की नियुक्ति की गई जिसमें रिंचन और आदिवासी सरदार शाह मिर में था। लेकिन रिंचन ने धोखे से रामचंद्र को मार दिया था। इसके बाद रंजन ने इस्लाम धर्म अपना लिया और शरदुद्दीन बनकर कश्मीर के गद्दी पर शासन किया।
रिंचन ने कर लिया था रानी कोटा से शादी
रिंचन नें रानी कोटा से शादी कर लिया। रानी के पास कोई भी विकल्प नहीं था और राज्य में अराजकता का डर था इसलिए उन्होंने सुल्तान से शादी कर ली। प्रेमचंद के मरने के बाद उन्होंने सुहादेव के भाई उदयन देव से विवाह किया जो आगे चलकर कश्मीर के राजा बने थे।
इसके बाद भी कश्मीर में राजनीतिक उठापटक शुरू रहा। मंगोल और तुर्की सेनाओं ने एक बार फिर से हमला कर दिया। उसे समय शाह मीर की मदद से रानी कोटा ने आक्रमणकारियों को पीछे धकेल दिया था। उदयन देव की मृत्यु के बाद रानी कोटा ने कश्मीर का गद्दी संभाला।
रानी कोटा ने कश्मीर की गद्दी संभाल ली लेकिन शमीर उनके लिए एक खतरा बना था। इसके बाद रानी ने शक्तिशाली मंत्री भट्ट भूषण को अपना प्रधानमंत्री बनाया। लेकिन सब मेरे ने उसकी हत्या करवा दी। अंत में शाह मिर ने रानी से लड़ाई का प्रस्ताव रखा लेकिन रानी ने इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया।
शाह मिर ने रानी कोटा के सामने शादी का प्रस्ताव रखा लेकिन शादी से ठीक पहले रानी कोटा ने अपनी जान दे दी। शादी में तोहफे के रूप में शाह हमीर को उन्होंने अपनी आते भेंट कर दिया। यह इतिहास का सबसे भयावह घटना माना जाता है।
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