Mahakumbh 2025: 13 जनवरी से कुंभ स्नान और मेला की शुरुआत हो जाएगी और प्रशासन के तरफ से इसकी तैयारियां पूरी कर ली गई है। 2025 के इस महाकुंभ में 40 करोड़ से अधिक लोग शामिल हो सकते हैं। आप अगर अपने परिवार के साथ कुंभ मेले में घूमने जा रहे हैं तो आपको वहां के कुछ दार्शनिक स्थलों की सर जरूर करनी चाहिए इससे आपका ट्रिप यादगार बना रहेगा।
इलाहाबाद का किला ( Mahakumbh 2025 )
1583 में मुगल बादशाह अकबर के द्वारा इलाहाबाद किला बनवाया गया था आप यहां घूम सकते हैं। यहां आपको अक्षय वट पेड़, अशोक स्तंभ, भूमिगत मंदिर देखने को मिलेगा।
आनंद भवन
एक समय में आनंद भवन नेहरू परिवार का निवास स्थान था और इसका निर्माण 1930 में मोतीलाल नेहरू ने करवाया था। इसके बाद संग्रहालय के रूप में इसे परिवर्तित कर दिया गया और यहां नेहरू परिवार और आजादी से जुड़ी जानकारियां मिलती है।
खुसरो बाग
खुसरो बाग मुगल शासन के समय का भाग है और यह आज भी आकर्षण का केंद्र है। यह राजकुमार खुसरो का आरामगाह था और यहां पर आने पर काफी सुकून मिलता है क्योंकि यहां की प्राकृतिक सुंदरता सबका मन मोह लेती है। यहां आपको चारों तरफ हरियाली दिखेगी और साथ ही साथ यहां का माहौल भी बेहद खूबसूरत है।
भारद्वाज आश्रम
कहां जाता है कि वनवास के दौरान प्रभु श्री राम माता सीता और लक्ष्मण भैया यहां पर ठहरे थे। क्या आपको भारत और सीता कुंड भी देखने को मिलेगा और कहा जाता है कि त्रेता युग में भगवान राम ने भारत कुंड के पास यज्ञ किया था और यहां आपको एक शिवालय देखने को मिलेगा जो भारद्वाज ऋषि के समय से जैसा था वैसा ही बना हुआ है। आपको अगर पौराणिक कथाओं में दिलचस्प है तो आपको भारद्वाज आश्रम जरूर घूमना चाहिए।
त्रिवेणी संगम
महाकुंभ के दौरान त्रिवेदी संगम तो आपको जरुर देखना चाहिए। गंगा जमुना सरस्वती नदियों का यहां संगम होता है और यहां संगम स्थल पर पानी के नीचे ही यह तीनों आपस में मिलती है।
विक्टोरिया मेमोरियल
इटली के संगमरमर पत्थरों से बना एक स्ट्रक्चर है जो लोगों को कभी पसंद आता है और यह छतरी यहां पर है जहां रानी विक्टोरिया की मूर्ति स्थापित थी। मूर्ति हटा दी गई लेकिन यह छतरी अभी भी वैसा ही है।
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