Mother’s Day: ममता की शीतल छांव हैं मेरी मां  : डॉ. मधुलिका शुक्ला

Mother's Day: अद्भुत चिकित्सीय उपचार के लिए अब तक ग्यारह पुरस्कार जीतने वाली कानपुर की मशहूर होम्योपैथिक डॉक्टर ने सफलता का श्रेय मां को दिया 

Mother’s Day: इस संसार में मां से बढ़कर कोई भी नहीं है। वह अपने बच्चों के लिए जितना त्याग और बलिदान कर सकती है उतना कोई भी नहीं कर सकता है। मां का गुणगान करने के लिए शब्द कम पड़ सकते हैं लेकिन उसके गुणों की संख्या कम नहीं होगी। मां ममता की शीतल छांव है, जिसके सरंक्षण में बच्चे हमेशा स्वस्थ और आनंदित रहते हैं।

कुल मिलाकर, जीवन का मतलब मां और मां का मतलब जीवन है। मां का स्थान हम सबके जीवन में अनमोल स्थान है। यह कहना और मानना है कि कानपुर शहर की मशहूर होम्योपैथी डॉक्टर मधुलिका शुक्ला का।

बढ़ाया मेरा हौसला

अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपनी मां को देते हुए डॉक्टर मधुलिका ने बताया कि मां ने हमेशा मेरा हौसला बढ़ाया। हर मां की तरह उन्‍हें हर कदम पर प्रोत्‍साह‍ित क‍िया। वह बताती हैं क‍ि कैसे अपना कॅरियर बनाने के दौरान जब भी कभी निराश हुईं तो मां ने उन्‍हें राह द‍िखायी व उन्‍हें कई महत्वपूर्ण सलाह दी। उनकी बदौलत आज वह डॉक्टर बन पाई हैं। वह खुद को बहुत ही भाग्यशाली मानती हैं कि मां के साथ-साथ भाई और बहन ने भी हर कदम पर साथ दिया उनका साथ।

साथ खड़ा रहता है प‍र‍िवार

डाक्‍टर मधुल‍िका कहती हैं क‍ि मेरी यह सलाह है कि करियर बनाने के लिए कभी भी अपने परिवार से दूरी मत बनाइए क्योंकि परिवार के अलावा कोई भी आपके साथ हमेशा खड़ा नहीं होगा। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण कोरोना काल में देखने को मिला जब बड़े-बड़े शहरों के अलावा लोग विदेशों में बड़ी-बड़ी नौकरी व व्यवसाय छोड़कर अपने घर वापस आ गए। इससे यह साबित हो गया कि आपके घर से सुरक्षित जगह कोई नहीं है।

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