Mothers Day : कहते हैं कि संसार में मां भगवान का दूसरा रूप होती है। मां की ममता का कोई मूल्य नहीं हैं, वे लोग बहुत ही भाग्यशाली जिनकी मां हैं। सर्वस्व की पहचान हैं मां जो अपने आंचल की छांव देकर ममती की लोरी गाकर सुलाती हैं और बच्चों के कोमल सपनों को सहलाती हैं।अथाह प्यार समेटे अपने सीने में सारा अश्क लेकर बच्चों के दर्द को पीते हुए, कोई आहट पाते ही उनकी झट से मुड़ जाने वाली मां…। आइए, कुछ जानी मानी हस्तियों से जानें उनके लिए मां क्या हैं!
मेरा वजूद उनसे हैं
सोशल मीडिया इंफलुएंशर दिव्या सिंह के अनुसार, मां एक ऐसा शब्द जिसके लिए कुछ भी लिखने या बोलने से पहले काफी कुछ सोचना पड़ता है वह अपनी मां की बात करते हुए बताती हैं कि उनकी मां भगवान हैं। उनकी वजह से वो हैं और उनका वजूद आज है। सब उन्हें आज इस रूप में जानते हैं तो केवल मां के संघर्ष और प्यार भरी पालना की वजह से। जब रील्स या वीडियो बनाना शुरू किया था तो वो ही सबसे पहली शख्स थी जो परिवार से डटकर लड़ीं थीं उनके लिए।उन्हें भरपूर सहयोग किया उन्होंने। उनके पापा के जाने के बाद उन्होंने इतना सपोर्ट किया कि आज वे यहां तक पहुंच पायीं हैं।
मां ने उनके काम को इतना पसंद किया कि उनकी प्रेरणा से ही पुरुष प्रधान समाज में इतने शान से आगे बढ़ पा रही हैं। दिव्या हर मां के लिए एक खूबसूरत संदेश देती हें कि “उसके आंचल में ही मेरी हिफाजत होती हैं, मैं कामयाब हो जाऊ हर पल खुदा से उसकी ही मिन्नत होती है दुनिया की हर ख़ुशी उसके बिन अधूरी है, सच ही कहा है खुदा ने के “मां के कदमो में जन्नत होती हैं”
जिन्होंने मुझे लिखा, उनको क्या लिखूं
आरती सिंह तंवर जयपुर पुलिस में पुलिस सब-इंस्पेक्टर हैं। आरती की पहचान आज छात्रों में भी खूब है। वह अपनी काबिलियत के कारण किसी परिचय की मोहताज भी नहीं हैं। फैंस के दिल में बसने वाली आरती खुद एक मां हैं। मदर्स डे पर कुछ शब्द कहने की बात पर वह बस धीरे से मुस्कुराती हैं और बस इतना कह पाती हैं कि मदर्स डे पर बुलावा आया..साथी कहे, कुछ तो कहो अपनी मां की बातें.. कैसे-कब और क्या-क्या सीखा, कहो नहीं तो लिखकर बतला दो.. अपने उस ईश्वर की बातें ..पर साथियों को कैसे बताऊं कि मैं क्या लिखूं उसके लिए, जिस ने ख़ुद मुझे लिखा है। आरती सिंह के ये शब्द चंद वाक्यों में कही गयी बातें नहीं। यह वह प्यार ऐसा अथाह सागर है जो हर बच्चे के मन में उमड़ता-घुमड़ता रहता है मां के लिए।
जिसने कभी न हारी हिम्मत
डॉ रोशनी टाक, एंकर एवं ज्योतिष,जयपुर अपनी मां को हिम्मत और साहस की प्रतिमूर्ति मानती हैं। वह बताती हैं कि मां ने कभी उन्हें विकल नहीं होने दिया। हर मोड़ पर साया बनकर साथ खड़ी मिलती हैं। चंदा सी प्यारी मां को वह भगवान का रूप कहती हैं और गले लगाकर बस इतना कह पाती हैं कि कांटों पर खुद चलीं और अपनी बिटिया को दिया जैसे अभय का दान। रोशनी टाक आज बहुमुखी प्रतिभा से सबको हर्षित करती रहती हैं तो उसका श्रेय जरूर उनकी मां की मेहनत को भी जाता है। आखिर बेटियां होती ही है मां का प्रतिरूप।
मां है तो सब है
कैप्टन शिवानी कालरा किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। उनके शानदार जज्बा व साहस का कमाल था कि वह ऑपरेशन गंगा मिशन के लिए चयनित हुईं। इंडिया की काफी फेमस फ्लाइट कैप्टन हैं। पायलट शिवानी कालरा रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को वापस लाने के लिए शुरू किए गए ऑपरेशन गंगा में अकेली महिला पायलट थीं। वह मां के लिए कहती हैं कि मां वही जो बच्चे के लिए कुछ भी कर जाए। यदि आज वह इस तरह से सबको प्रेरित कर रही हैं तो केवल मां के कारण। वह अपने माता पिता के लिए सब कुछ कर सकती हैं। हर तूफान से टकरा सकती हैं।
मां का साया हरदम साथ
इंस्पेक्टर एवं इंटरनेशनल शूटर रंजना गुप्ता कहती हैं कि मेरी मां साथ साथ चलती हैं साया बनकर। वह नहीं हैं साथ पर हरदम साथ रहता है उसका साया उसकी छांव। उसकी हर छोटी बड़ी सुहानी यादों की चादर ओढ़े हुए हर पल उसे महसूस करती हूं मैं। वह न होकर हर तरफ है याद आता है वह दिन जब मैं छोटा बच्चा बनकर उसकी आंचल तले छुप जाती थी। वह स्नेह की छांव आज भी मन को शीतल कर देता है। कौन मां के बारे में लिख सका है जो मै लिख दूं मां क्या है।
तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करें Twitter , Kooapp और YouTube पर फॉलो करें। Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजा-तरीन खबर।