Mudiya Mela: मथुरा के गोवर्धन में मंगलवार से विश्व प्रसिद्ध मुड़िया मेले की शुरुआत हो चुकी है। देश-विदेश से यहां पहुंचे श्रद्धालु शाम होते ही 21 किलोमीटर की परिक्रमा प्रारंभ कर देंगे। मेले को लेकर पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर ली है। मेले के दौरान संपूर्ण परिक्रमा मार्ग में वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध रहेगा। इस बार मुड़िया मेला 4 जुलाई तक चलेगा।
गोवर्धन में 8 दिन दिखेंगे सिर्फ भक्त ही भक्त
गोवर्धन में एकादशी से लेकर पूर्णिमा तक देशभर से भक्त परिक्रमा के लिए आते हैं लेकिन गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित होने वाले मुड़िया मेले (Mudiya Mela) में यहां जनसैलाब उमड़ता है। यहां आठ दिन सिर्फ भक्त ही भक्त नजर आएंगे। भक्त यहां 21 किलोमीटर की गोवर्धन परिक्रमा के साथ-साथ विभिन्न मंदिरों के दर्शन करेंगे। सप्तकोसी परिक्रमा में से 4 कोस की गोवर्धन पर्वत की और शेष 3 कोस की राधाकुंड की परिक्रमा है।
ब्रज का कुंभ कहते हैं इसे
गिरिराज गोवर्धन का मुड़िया पूर्णिमा मेला (Mudiya Mela) 464 साल पुराना है। 7 कोस में गिरिराज पर्वत की शिलाओं में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं के चिन्ह संरक्षित हैं। इसीलिए भक्त मुड़िया पूर्णिमा पर गोवर्धन धाम में दर्शनों के लिए आते हैं और गिरिराज पर्वत की परिक्रमा करते हैं। मुड़िया मेला वर्ष 1558 से लग रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2009 में इस मेले को राजकीय मेला घोषित किया। इसलिए इसे ब्रज का कुंभ कहा जाता है।
इसलिए कहते हैं मुड़िया मेला
गोवर्धन का राजकीय मुड़िया पूर्णिमा मेला (Mudiya Mela) संत सनातन की भक्ति और संस्कृति का अद्भुत मिलन है। गिरिराज जी की नगरी गोवर्धन में मचलती विभिन्न संस्कृति की लहरें और बेतादाद श्रद्धा का अनवरत प्रवाह ही उत्तर भारत के विशाल मुड़िया मेले की परिभाषा है। महाप्रभु मंदिर के मुड़िया महंत गोपाल दास के अनुसार वर्ष 1556 में सनातन गोस्वामी के गोलोक गमन हो जाने के बाद गौड़ीय संत एवं ब्रज के लोगों ने सिर मुड़वाकर उनके पार्थिक शरीर के साथ सात कोसीय परिक्रमा लगाई, तभी से गुरु पूर्णिमा को मुड़िया पूर्णिमा और इस आयोजन को मुड़िया मेला कहा जाने लगा।
रोडवेज चलाएगा अतिरिक्त बसें
मुड़िया मेले (Mudiya Mela) के लिए यूपी रोडवेज ने अलग-अलग शहरों से अतिरिक्त बसें चलाने की व्यवस्था की है। रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक बीपी अग्रवाल के मुताबिक मेले के लिए प्रदेशभर से 1200 से अधिक बसें चलाई जाएंगी। इसके साथ ही मेले में आने वाले भक्तों की भीड़ को संभालने के लिए मथुरा जंक्शन, मथुरा कैंट व आसपास के रेलवे स्टेशनों पर जीआरपी के 500 जवानों की अतिरिक्त तैनाती की गई है।