
National Epilepsy Day: मुंह से झाग निकलना, चक्कर आना, शरीर में जकड़न और बेहोशी जैसे लक्षण मिर्गी की ओर इशारा करते हैं। मिर्गी ब्रेन से जुड़ा एक रोग है, जिसमें व्यक्ति को दौरे पड़ते हैं। ब्रेन की सेल्स में अचानक और असामान्य रूप से केमिकल रिएक्शन होने के कारण दौरा पड़ने लगता है, जिस वजह से व्यक्ति बेहोश भी हो सकता है। मिर्गी किसी को भी हो सकता है।
लेकिन भारत में अभी भी ऐसे कई इलाके हैं जहां तंत्रमंत्र और जादू-टोने के जरिए मिर्गी का इलाज करने की कोशिश की जाती है। जागरूकता की कमी के कारण लगभग तीन चौथाई लोग जरूरी इलाज से वंचित हैं। लोगों की सोच बदलने और उन्हें इस बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 17 नवंबर को ‘राष्ट्रीय मिर्गी दिवस’ मनाया जाता है। इसके माध्यम से शहरों, गांवों और कस्बों में कई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।
राष्ट्रीय मिर्गी दिवस का इतिहास
राष्ट्रीय मिर्गी दिवस मनाने की शुरुआत 2015 में हुई थी। इसका आयोजन इंटरनेशनल ब्यूरो और इंटरनेशनल लीग अगेंस्ट एपिलेप्सी द्वारा किया गया था। इस दिन देशभर में लोगों को मिर्गी के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में जानकारी दी जाती है और लोगों को अपने अनुभव साझा करने का मौका भी दिया जाता है।
- नेशनल एपिलेप्सी डे मनाने का उद्देश्य लोगों को मिर्गी उपचार के बारे में जानकारी देना है। साथ ही कस्बों और गांवों में इस दिन लोगों को जरूरी दवाइयां बाटी जाती हैं।
- डब्ल्यूएचओ के माध्यम से मिर्गी के मरीजों को शराब अन्य पदार्थों से दूर रहने की सलाह दी जाती है, जिससे इस बीमारी का ढंग से इलाज किया जा सके।
- नुक्कड़ नाटकों के द्वारा भी लोगों को जागरूक करने का प्रयत्न किया जाता है।
मिर्गी के लक्षण
- शरीर में अकड़न
- हाथ व पैरों में झनझनी
- मुंह से झाग आना
- बेहोशी
- चक्कर आना
एपिलेप्सी के कारण
- जन्मजात कारण
- ब्रेन में इंफेक्शन
- सिर में चोट
- लंबे समय तक तेज बुखार का होना
- ब्रेन स्ट्रोक
तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करें Twitter , Kooapp और YouTube पर फॉलो करें। Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजा-तरीन खबरें।