
Nartional Video Game Day: नेशनल वीडियो गेम डे: वीडियो गेम- बदलते दौर का मनोरंजनसमय बदल रहा है और बदलते समय में मनोरंजन के तरीके भी बदल रहे हैं। पहले हम खेल-कूद के माध्यम से खुद का मनोरंजन करते थे। लेकिन समय बदला और दौर आया वीडियो गेम का। आज बच्चे, जवान या वृद्ध सभी वीडियो गेम…
समय बदल रहा है और बदलते समय में मनोरंजन के तरीके भी बदल रहे हैं। पहले हम खेल-कूद के माध्यम से खुद का मनोरंजन करते थे। लेकिन समय बदला और दौर आया वीडियो गेम का। आज बच्चे, जवान या वृद्ध सभी वीडियो गेम के दीवाने हो चुके हैं। शहर में आज जगह-जगह वीडियो गेम सेंटर खुल चुके हैं। राजधानी के पी एंड एम मॉल व सेंट्रल मॉल में पुरा सेटअप लगा हुआ है, यहां बच्चे बाइक पर बैठकर ऑनलाइन रेसिंग करते हैं। सामने लगे बड़े स्क्रीन पर देखिये तो ऐसे लगता है जैसे सच में रेस हो रहा है। इसके अलावा लोग मोबाइल, लैपटॉप, कम्प्यूटर या साइबर कैफे में भी गेम खेलते हैं।
Nartional Video Game Day: इतिहास
सैंडर्स एसोसिएट्स इंक के लिए काम करते हुए 1966 में इंजीनियर राल्फ बेर्बेगन ने एक खास काम किया। टेलीविजन पर गेम कैसे खेलें, इसके लिए 1967 और 1969 के बीच राल्फ बेर्बेगन ने अपने सहयोगियों की मदद ली। उन्होंने कई वीडियो गेम टेस्ट यूनिट का निर्माण किया। इसके बाद ‘ब्राउन बॉक्स’ पहला मल्टीप्लेयर, मल्टीग्राम वीडियो गेम सिस्टम के लिए एक प्रोटोटाइप था। 1972 में, मैग्नेवॉक्स ने मैग्नावॉक्स ओडिसी के रूप में डिजाइन जारी किया, जिसके बाद सभी वीडियो गेम सिस्टम का मार्ग प्रशस्त हुआ।
तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करें Twitter , Kooapp और YouTube पर फॉलो करें। Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजा-तरीन खबरें