
Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद महाराज वृंदावन के बहुत बड़े संत हैं। भारत ही नहीं विदेशों में भी उनके अनुयाई है और बड़े पैमाने पर लोग उन्हें फॉलो करते हैं। प्रेमानंद महाराज जी के नाम से कई सोशल मीडिया अकाउंट चलता है जिसपर करोड़ों फॉलोअर्स है। बड़े-बड़े नेता अभिनेता महाराज जी के सत्संग में जाते हैं और महाराज जी से अपनी समस्याएं बताते हैं। महाराज जी की बातें मानकर युवा भी भक्ति मार्ग पर चलने लगे हैं।
महाराज जी के बड़े भाई ने कहा कि वह अपने छोटे भाई से मिलने का कोई इरादा नहीं रखते और इसके पीछे का कारण भी उन्होंने बताया जो की बेहद हैरान करने वाला है। लेकिन इससे जुड़ा एक धार्मिक और आत्मिक दृष्टिकोण भी है जिसे समझना बेहद जरूरी है।
प्रेमानंद महाराज से क्यों नहीं मिलने जाते उनके बड़े भाई ( Premanand Ji Maharaj )
प्रेमानंद महाराज जी के बड़े भाई ने कहा कि वह एक गृहस्थ है और उनका जीवन गृहस्थी के नियमों और मर्यादाओं के अंतर्गत चलता है। वह खुद को संत नहीं मानते बल्कि एक सामान्य व्यक्ति की तरह जीते हैं। उन्होंने कहा कि जब दो भाई एक दूसरे के पास जाते हैं तो उनका मिलान एक सामाजिक और पारिवारिक दृष्टिकोण से सामान्य होता है लेकिन यदि वह अपने छोटे भाई से मिलने जाते हैं तो एक धार्मिक समस्या उत्पन्न हो सकती है क्योंकि उनके छोटे भाई एक संत है।
महाराज जी के बड़े भाई ने कहा कि प्रेमानंद जी एक संत है और अगर वह उनका पैर छूकर आशीर्वाद लेंगे तो उन्हें बड़ा दोस्त लग सकता है क्योंकि साधु संतों से मिलते समय किसी गृहस्ट को अपना चरण स्पर्श नहीं कराना चाहिए। जो व्यक्ति संत होता है वह चरण छूने योग्य होता है क्योंकि उसने जीवन में बहुत पुण्य अर्जित किया होता है।
प्रेमानंद महाराज के बड़े भाई ने कहा कि हर आश्रम और हर व्यक्ति का एक निश्चित विधान होता है जिसका पालन करना जरूरी होता है। गृहस्ट जीवन में रहने वाले लोगों को अपने मर्यादाओं का पालन करना चाहिए और संतों के साथ किसी भी प्रकार का संबंध स्थापित करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए की मर्यादाओं का उल्लंघन ना हो। महाराज जी के भाई ने कहा कि मैं नहीं चाहता कि मेरी वजह से मेरे छोटे भाई के संत जीवन में कोई समस्या आए इसलिए मैं उनसे मिलने नहीं जाता।
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