Rahul Gandhi: 21 जनवरी 2024 को दिल्ली में वरिष्ठ पत्रकार दयाशंकर मिश्र की नई पुस्तक, “राहुल गांधी” का विमोचन हुआ था। यह किताब राहुल गांधी के व्यक्तिगत जीवन के बारे में नहीं बल्कि उनके राजनीतिक जीवन को इंगित करती है। इसमें राहुल गांधी के राजनीतिक सफर को दिखाया गया है। ऐसे में अब राहुल गांधी कहानी को लेकर सवाल है कि इस किताब को आखिर क्यो पढ़ना चाहिए और इस किताब में ऐसा क्या खास है? तो आइए जानते हैं कि राहुल गांधी नामक इस पुस्तक में क्या है…
पुस्तक में क्या है खास ?
कार्यक्रम में दयाशंकर मिश्र ने बताया कि उन्होंने यह किताब लिखी क्यों और इसमें क्या खास है। दयाशंकर मिश्र ने कहा, “तमाम लोगों ने मुझसे पूछा है कि इस किताब के कवर पेज पर राहुल गांधी की तस्वीर क्यों है?” मैं आपको बताना चाहता हूँ कि राहुल गांधी की जीवनगाथा इस पुस्तक में नहीं है। इसमें राहुल गांधी का जीवन चरित्र नहीं दिखाया गया है। यह लेख पढ़ने के बाद आपको पूरी तरह से पता नहीं चलेगा कि राहुल गांधी का जन्म कहां हुआ, वह पढ़ने के लिए कहां गए और उसके बाद उनकी आगे की यात्रा क्या रही। मैं सभी को बताना चाहता हूँ कि यह पुस्तक लोकतंत्र और संविधान के लिए राहुल गांधी का संघर्ष है।
पुस्तक में है राहुल गांधी का संघर्ष
कार्यक्रम के दौरान दयाशंकर मिश्रा ने बताया कि 22 नवंबर उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण क्षण था। 22 नवंबर से पहले और बाद में उन्होंने अपना विचार बदलने का विचार किया। दर्शकों को बोलते हुए उन्होंने कहा कि पुस्तक राहुल गांधी की जीवनी नहीं है। बल्कि यह संविधान और लोकतंत्र के लिए उनके संघर्षों का दस्तावेज़ है। मिश्र ने पिछले दस वर्षों में किए गए प्रयासों का विरोध करते हुए संविधान और लोकतंत्र के आसपास व्याप्त अंधकार को दूर करने की कोशिशों पर जोर दिया।
राहुल गांधी की लोकतंत्र की लड़ाई
दयाशंकर मिश्रा ने अपने भाषण में पुस्तक के कवर का भी उल्लेख किया। जिसमें राहुल गांधी के व्यक्तिगत जीवन, जैसे उनके जन्मस्थान और शिक्षा, को विस्तार से नहीं बताता है इसके बजाय, इसका ध्यान लोकतंत्र और संविधान के लिए राहुल गांधी की लड़ाई पर है।
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