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Rajasthan: पापा एक केक ले आइए… ICU में मौत से लड़ती लड़की ने मनाया आखिरी बर्थडे, इमोशनल कर देगी 27 साल की पीहू की कहानी

Rajasthan: राजस्थान की एक बेटी ने मरते मरते दुनिया को बड़ी सीख दे दी। कैंसर से जूझती पीहू को पता था कि वह बच नहीं पाएगी लेकिन उन्होंने अपनी मौत को काफी सेलिब्रेट किया। आईए जानते हैं पीहू की कहानी...

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Rajasthan: मौत एक दिन सबको आनी है लेकिन कुछ लोग अपनी मौत को हंसते हुए गले लगा लेते हैं। आज हम आपको राजस्थान के पीहू नाम की लड़की की कहानी बताएंगे जिसने आईसीयू में अपना जन्मदिन मनाया। 2 सितंबर को पीहू ने अंतिम सांस ली और मौत से 7 दिन पहले उसने आईसीयू में खूब जश्न मनाया। मरने से पहले पीहू ने अपने पापा से कहा कि ‘पापा एक केक ले आइए मैं अपनी आखिरी पल को हंसते हुए मनाना चाहती हूं ‘।

यह देखकर अस्पताल के लोग बेहद इमोशनल हो गए। डॉक्टर भी रो पड़े लेकिन प्रियंका सबको हिम्मत दे रही थी। प्रियंका के पति और उनके ससुराल वालों के बीच केक काटा गया। उसे पर लिखा था पीहू लकी। पीहू यानी के प्रियंका ने हंसते हुए सबको केक खिलाया और बोली कि मैं रोते हुए नहीं हंसते हुए विदा लेना चाहती हूं।

जालौर की रहने वाली थी पीहू (Rajasthan)

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पीहू राजस्थान के जालौर जिले के व्यापारी नरपत सिंह की बेटी थी। नरपत सिंह कहते हैं कि आज भी जब मैं उसे याद करता हूं तो उसकी मासूम और बचपन याद आ जाता है। वाजिद करके हर बात मनवा लेती थी।

पीहू अपने चार भाई बहनों में तीसरे नंबर पर थी और सबकी लाडली थी। वह पढ़ने में बेहद तेज थी। पीहू ने सबसे पहले BBA किया इसके बाद CA किया। हालांकि वह फाइनल ईयर की परीक्षा नहीं दे पाई और दुनिया को अलविदा कह गई। पीहू की शादी बटवास गांव निवासी बिल्डर यश लक्ष्यराज सिंह से हुई थी।

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शादी के कुछ समय बाद से ही प्रियंका यानी कि पीहू के पैरों में दर्द शुरू हो गया जिसे सामान्य मानकर अनदेखा किया जाने लगा लेकिन धीरे-धीरे यह दर्द हड्डियों तक पहुंच गया। जब डॉक्टर को दिखाया गया तो पता चला कि उन्हें एक दुर्लभ कैंसर है। पहली बार उनकी सर्जरी 2023 में हुई और दूसरी बार 2024 में उदयपुर में दूसरी सर्जरी हुई। उनके उदयपुर में ही तीसरी सर्जरी हुई लेकिन यह बीमारी लगातार फैलती गई। पीहू के परिवार वालों को डॉक्टर ने कहा कि वह ज्यादा दिन बच नहीं पाएगी।

पीहू यानी प्रियंका को पहले से ही पता था कि उनके पास ज्यादा समय नहीं है इसलिए जब 25 अगस्त को उनके रिश्तेदार ससुराल वाले और परिवार वाले उनसे मिलने आए तो उन्होंने कहा कि एक केक ले आओ मैं आखिरी फलों को यादगार बनाना चाहती हूं। आईसीयू में उन्होंने केक काटा और सबको केक खिलाया। इस दौरान वह सबसे बोल रही थी मैं जल्द ठीक होकर घर चली जाऊंगी लेकिन 2 सितंबर को उनकी तबीयत बिगड़ने लगी।

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2 सितंबर को उन्होंने अपने भाई से कहा तूने खाना नहीं खाया है जाकर खा ले मैं कहीं नहीं जा रही। हालांकि थोड़ी देर बाद ही प्रियंका यानी पीहू ने दुनिया को अलविदा कह दिया। डॉक्टर का कहना है कि उन्होंने कैंसर के कई मरीज देखे हैं जज्बा था। पीहू के पिता कहते हैं कि मेरी बेटी ने सिखाया की हालत कितनी भी मुश्किल हो हमेशा मुस्कुराना चाहिए।

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