Raksha Bandhan 2025 : रक्षाबंधन का त्यौहार भाई और बहन के प्रेम का प्रतीक है। इस साल 9 अगस्त को रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाएगा। इस त्यौहार के दिन बहन अपने भाई के कलाई पर राखी बांधती है और भाई के लंबे उम्र की दुआ करती है। पूरे देश में धूमधाम से या त्योहार मनाया जाता है लेकिन एक ऐसा भी गांव है जहां रक्षाबंधन का त्यौहार नहीं मनाया जाता।
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित बेनीपुर चक गांव में 300 सालों से रक्षाबंधन का त्यौहार नहीं मनाया गया है। आज भी भाई इस परंपरा को बनाए हुए हैं और रक्षाबंधन का त्यौहार नहीं मानते हैं। आज भी कोई भाई रक्षाबंधन के दिन अपनी बहन से राखी नहीं बंधवाता है।
यहां क्यों नहीं मनाया जाता रक्षाबंधन का त्यौहार (Raksha Bandhan 2025)
दरअसल, इस गांव के पूर्वज अलीगढ़ जिले के अतरौली के सेमरई गांव में रहा करते थे। वहां ठाकुर और यादव बिरादरी के लोग आपसी प्यार-मोहब्बत से रहते थे। एक बार रक्षाबंधन के दिन, ठाकुर की बेटी ने यादव भाई से उपहार में उसकी जमींदारी मांग ली। यादव भाई ने बिना कुछ कहे अपनी जमींदारी दे दी, जिससे ठाकुर परिवार को अपनी जमींदारी खोनी पड़ी।
इस घटना के बाद, ठाकुर परिवार ने रक्षाबंधन मनाना बंद कर दिया, ताकि फिर से कोई जमींदारी न मांग ले। यह परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है, और आज भी इस गांव के लोग रक्षाबंधन नहीं मनाते हैं।
इस परंपरा के पीछे के कारण
– जमींदारी की खोने का डर
– रक्षाबंधन के दिन की कड़वी याद
– परंपरा को बनाए रखने की भावना
इस गांव की कहानी न केवल अनोखी है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे परंपराएं और भावनाएं पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ सकती हैं। यह गांव उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इसकी अनोखी परंपरा को जानना और समझना महत्वपूर्ण है।
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