
Rupublic Day 2024 Beating Retreat Ceremony: गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है और इस मौके पर हर वर्ष पूरा देश राजपथ की परेड देखता है। इसके कुछ दिनों बाद यानी कि 29 जनवरी को शाम के समय में बीटिंग रिट्रीट समारोह का आयोजन किया जाता है और आप में भी बहुत लोगों को ये नहीं पता होगा कि बीटिंग रिट्रीट समारोह होता क्यों है और क्यों इसका आयोजन 29 जनवरी को ही होता है। बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में ड्रोन्स लाइट साउंड समेत कई चीजों ऐटरेक्शन का प्वाइंट रहते हैं।
परंपरा है 300 साल पुरानी
26 जनवरी को मनाए जाने वाले बीटिंग रिट्रीट समारोह गणतंत्र दिवस (Republic Day) समारोह का ही समापन भाग होता है और गणतंत्र दिवस का समारोह सिर्फ एक दिन का नहीं होता। 26 से शुरू होकर 29 जनवरी तक बीटिंग रिट्रीट समारोह को मनाया जाता है।
ऐसा माना जाता है कि बीटिंग रिट्रीट समारोह की परंपरा तकरीबन 300 साल पुरानी है और 17वीं शताब्दी में इसकी शुरुआत इंग्लैंड में की गई थी फिर उस समय जेम्स II से युद्द की जंग की समाप्ति के बाद सैनिकों को शाम के समय परेड करने और बैंड बाजों की धुन बजाने का ऑर्डर दिया था।
तीनों सेनाएं होती है शामिल
तीनों सेनाएं बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में एक साथ मिलकर मार्च धुन बजाते हैं और ड्रूमर्स कॉल का भी शानदार प्रदर्शन होता है और इस दौरान महात्मा गांधी की प्रिय धुन भी बजाई जाती है, और इसके अलावा कुछ हिंदी भाषा के संगीतों की धुन को बजाया जाएगा।
राष्ट्रपति की उपस्थिति में होता है समापन
रिट्रीट के बिगुल वादन के बाद, जब बैंड मास्टर राष्ट्रपति के पास जाते हैं और बैंड वापिस ले जाने की अनुमति मांगते हैं। बैंड मार्च वापस जाते समय लोकप्रिय धुन सारे जहां से अच्छा बजाते हैं। उसके बाद शाम 6 बजे बगलर्स रिट्रीट की धुन को बजाते हैं फिर राष्ट्रीय ध्वज को उतार लिया जाता है और राष्ट्रगान बजाया जाता है और इस प्रकार गणतंत्र दिवस के आयोजन का औपचारिक समापन कर दिया जाता है।
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