Success Story: खाने के लिए नहीं थे पैसे, गरीबी में गुजरा बचपन, मुश्किलों से लड़कर बन गए IAS, जानें बिरुदेव की सक्सेस स्टोरी

Success Story: बिरुदेव ने कोल्हापुर से अपनी शुरुआती पढ़ाई पूरी की। सीमित संसाधनों के बावजूद, उन्होंने स्व-अध्ययन के ज़रिए UPSC की तैयारी शुरू की। पढ़ाई के लिए न किताबों की भरमार थी, न कोई कोचिंग—सिर्फ मां-बाप का आशीर्वाद, गांव का समर्थन, और अपनी मेहनत।

Success Story: अक्सर आपने सुना होगा कि जो संघर्ष करता है वह सफलता की कहानी जरूर लिखता है।यूपीएससी की परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है और इस परीक्षा को पास करने के लिए बच्चे कड़ी मेहनत करते हैं। कड़ी मेहनत के बावजूद भी लोग इस परीक्षा में सफलता नहीं प्राप्त कर पाए क्योंकि इस देश की सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है।

कुछ ऐसे बच्चे भी होते हैं जो गरीबी से लड़ते हुए कठिन परीक्षा को पास कर दिखाते हैं। 2024 यूपीएससी परीक्षा का रिजल्ट कुछ समय पहले ही जारी किया गया था।इस परीक्षा को एक चरवाहे के लड़के ने पास कर दिखाया। जी हां हम बात कर रहे हैं बीरदेव की जिसने मुश्किलों से हार नहीं मानी और इस कठिन परीक्षा को पास कर दिखाया। यूपीएससी परीक्षा में वीरदेव को 551वीं रैंक मिली है।

गरीबी में वीर का बचपन लेकिन नहीं मानी हार (Success Story)

बिरुदेव का जन्म एक ग़रीब धनगढ़ समुदाय में हुआ। वह बचपन से भीड़ बकरियां चढ़ाते थे और  टूटी फूटी चप्पल पहनकर खेतों और पहाड़ियों में बकरियों के पीछे भागते थे। उनके पिता यही काम करते थे उसके बाद वीरू देव भी यह काम करने लगे। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी। लेकिन मुश्किलों के आगे उन्होंने हार नहीं मेरी और इस कठिन परीक्षा को पास कर दिखाएं।

एक घटना ने बदल दी बिरुदेव की जिंदगी

एक दिन वीरूदेव का मोबाइल खो गया इसके बाद वह पुलिस स्टेशन में शिकायत करने गए। लेकिन पुलिस वालों ने उनकी बात नहीं सुनी। उन्होंने इस बात को अपना अपमान माना और इसका बदला लेने का ठान लिया। उन्होंने ठान लिया कि वह अफसर बनेंगे।

कम संसाधन, लेकिन मजबूत इरादे

बिरुदेव ने कोल्हापुर से अपनी शुरुआती पढ़ाई पूरी की। सीमित संसाधनों के बावजूद, उन्होंने स्व-अध्ययन के ज़रिए UPSC की तैयारी शुरू की। पढ़ाई के लिए न किताबों की भरमार थी, न कोई कोचिंग—सिर्फ मां-बाप का आशीर्वाद, गांव का समर्थन, और अपनी मेहनत।

UPSC 2024 परीक्षा में 551वीं रैंक

2024 की UPSC सिविल सेवा परीक्षा में बिरुदेव ने 551वीं रैंक हासिल की। यह सफलता उनके पहले ही प्रयास में मिली। अब वे ट्रेनिंग के बाद IPS (Indian Police Service) या अन्य केंद्रीय सेवा में अफसर बनेंगे।

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