Supreme Court Hearing: सुप्रीम कोर्ट ने ने रेप के मामले में ऐतिहसिक फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने शादी के बहाने 25 वर्षीय महिला से बलात्कार करने के मामले को रद्द कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शादी का वादा लेना ही शारीरिक संबंध बनाने की रजामंदी देना है। आईए जानते हैं क्या है पूरा मामला…
SC ने बलात्कार मामले को किया रद्द
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए शादी के बहाने 25 वर्षीय महिला से बलात्कार करने के आरोपी-अपीलकर्ता के खिलाफ एक आपराधिक मामले को रद्द कर दिया। ऐसा करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सहमति से यह संबंध बनाया गया था, जो शादी में परिणत हुआ।
वादा लेकर बनाया था शारीरिक संबंध
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत को इस आरोप का कोई आधार नहीं मिला कि शारीरिक संबंध शादी के झूठे वादे के कारण था, क्योंकि अंततः, शादी संपन्न हुई थी। क्योंकि जब कोई संबंध शादी का वादा लेने के बाद बनाया जाता है तो वह बलात्कार नहीं होता है।
शादी का वादा ही संबंध की स्वीकृति है
न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति अभय एस. ओका ने कहा, “इसलिए, प्रथम दृष्टया यह आरोप कि अपीलकर्ता द्वारा शादी के लिए दिए गए झूठे वादे के कारण शारीरिक संबंध बनाए रखा गया था, जो कि निराधार है क्योंकि उनके रिश्ते के कारण विवाह संपन्न हुआ।” शादी का वादा करके शारीरिक सम्बन्ध स्थापित करना बलात्कार नहीं हो सकता यदि पक्षकारों की शादी हो गयी हो।
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