
US Military Base: दुनिया की 80 देशो में अमेरिका के 750 से अधिक सैन्य ठिकाने हैं लेकिन भारत में एक भी अमेरिकी सैन्य अड्डा नहीं है। जर्मनी में 100 से ज्यादा, जापान में 120 और दक्षिण कोरिया में 73 अमेरिकी सैन्य ठिकाने हैं, लेकिन भारत में पेंटागन ने एक भी सैन्य अड्डा नहीं बनाया है।
भारत के धरती पर नहीं होंगे विदेशी सैनिक (US Military Base)
जवाहरलाल नेहरू से लेकर प्रधानमंत्री मोदी तक सभी भारतीय सरकारों ने एक ही बात कही है’ भारत की धरती पर विदेशी सैनिक नहीं होंगे,चाहे कोई भी समझौता हो या कितना भी दबाव हो’। भारत के द्वारा यह नीति उपनिवेशवाद के दौर की यादों और भविष्य को ध्यान में रखकर बनाई गई है। भारत का मानना है कि अमेरिकी सैन्य ठिकाने रक्षा के लिए नहीं होते बल्कि राजनीतिक फायदे के लिए होते हैं।
भारत में अमेरिकी सैन्य ठिकाने नहीं होने का पहला कारण है भारत कभी अंग्रेजों का गुलाम था इसलिए भारत अब नहीं चाहता कि कोई और देश उसे पर राज करें। दूसरा कारण है कि भारत अपनी सुरक्षा खुद कर सकता है उसके पास बहुत बड़ी सेना है, भारत के पास परमाणु हथियार भी है।
भारत अमेरिका के दुश्मनों से नहीं करना चाहता है दुश्मनी
भारत अमेरिका के हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करता है। भारत ने देखा है कि अमेरिका ने कैसे अपनी चाल से कई देशों में सता परिवर्तन किया है। भारत बखूबी जानता है कि अमेरिका अपने सैन्य ठिकानों का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए करता है। अभी कुछ समय पहले अमेरिका ने कतर स्थित अपने सैन्य ठिकानों से इरान के ऊपर हमला किया जबकि कतर का इरान की लड़ाई से कोई लेना देना नहीं था। कतर के अंदर अमेरिकी सैन्य ठिकाने हैं जिसके वजह से कतर की ईरान से दुश्मनी हो गई। लेकिन भारत नहीं चाहता है की अमेरिका के दुश्मन उसके भी दुश्मन बने।
भारत का मानना है कि वह अपनी सुरक्षा खुद कर सकता है। भारत के पास एक बड़ी परमाणु सेना परमाणु हथियार नौसेना और और कई आधुनिक हथियार है जिससे वह अपनी देश की खुद रक्षा कर सकता है। भारत में कुछ देशों में अपने सैन्य अड्डे बनाए हैं। अमेरिका और भारत में एक समझौता हुआ है जिसका नाम LEMOA है। इस समझौते में साफ शब्दों में कहा गया है कि अमेरिका भारत में अपने सैनिक नहीं रख सकता।
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