Fourth Kedar Rudranath Temple: चमोली में चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। पूरे विधि विधान के साथ मंदिर के कपाट मुख्य पुजारी की मौजूदगी में 16 अक्टूबर को बंद किए गए। 20 अक्टूबर को भगवान रुद्रनाथ की उत्सव डोली शीतकालीन पूजा स्थल गोपीनाथ मंदिर में पूजन के लिए विराजमान हो जाएगी।
अब से लगभग 6 महीने तक भगवान रुद्रनाथ की विग्रह डोली अपने शीतकालीन स्थल गोपीनाथ मंदिर में विराजमान रहेगी। अब से 6 महीने तक भक्त रुद्रनाथ के दर्शन गोपीनाथ मंदिर में कर सकेंगे। भगवान रुद्रनाथ का मंदिर चमोली में सगर गांव से करीब 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भगवान शिव को समर्पित रुद्रनाथ मंदिर में अब तक 1 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।
उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित भगवान रुद्रनाथ की यात्रा सबसे दुर्गम यात्रा है। समुद्र तल से लगभग 11,808 फीट यानी 3600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित भगवान रुद्रनाथ के मंदिर तक पहुंचने के लिए चमोली में स्थित सगर गांव से लगभग 19 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई करनी पड़ती है। यह अपनी खूबसूरत वादियों के लिए जाना जाता है।
आपको बता दें कि पंच केदारों का संबध भगवान शिव से है जहां भगवान शिव के विभिन्न अंगों की पूजा की जाती है। उनमें से चतुर्थ केदार में भगवान के मुख की पूजा की जाती है। रुद्रनाथ मंदिर में भगवान के मुख के दर्शन होते हैं। पंचकेदारों में चतुर्थ केदार के रूप में जाने जाने वाले रुद्रनाथ मंदिर में शिव ने पांडवों को मुख के दर्शन दिए थे।
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